Dec 21, 2018
संदीप ठाकुर - मुंगेली जिले के लोरमी ब्लॉक के धरमपुरा ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी बिना काम किये ही चौदहवे वित्त का 15 लाख रुपये डकार दिया और गांव में एक भी काम नही कराया इतना ही नही गांव की गलियों में CC रोड और मुरुम डालने के नाम से लाखों रुपये निकाले लेकिन मुरुम एक पैसे का भी नही डलवाया जितने पैसे मुरुम डालने के नाम से फ़र्ज़ी तरीके से निकाले गए है अगर उन पैसों का गांव में मुरुम डलवाया गया होता तो पूरा गांव मुरुम से पट गया होता।
15 लाख रुपए का लगाया चूना
गांव के विकास और मूलभूत काम कराने के लिए सरकार हर ग्राम पंचायतों को वहां की जनसंख्या के हिसाब से विकास कार्य करने के लिए लाखो रुपये देती है। ऐसे ही धरमपुरा ग्राम पंचायत को भी 2 साल मे पन्द्रह लाख रुपये मिला था जहां सरपंच ने फर्जी प्रस्ताव बनाकर लाखो रुपये निकाल लिए वहीं मुरुम डालने के नाम पर अलग अलग व्यक्तियों के नाम 5 लाख का चेक काट दिया और उसकी राशि आहरण कर ली जबकि मुरुम का एक दाना गांव में नही गिरा। वैसे ही हैंडपम्प में सबमर्सिबल पम्प डालने के लिए लाखो रुपये निकाले वहीं नाबालिक बच्चे के नाम से मुरुम ट्रांसपोर्ट करने के नाम पर लाखो का पैसा आहरण कर लिया ऐसे व्यक्तियों के नाम से मुरुम ढुलाई का पैसा निकाला गया है जिनके पास ट्रेक्टर तो दूर मोटर सायकिल भी नही है।
फर्जी तरीके से लेते है पंचो का साइन
ग्राम पंचायत धरमपुरा में आज भी वहां की गलियो में कीचड़ बजबजा रही है गली में न तो CC हुआ है न ही मुरुम डाला गया है गांव के उपसरपंच ने बताया की वहां सरपंच फर्जी तरीके से पंचो का साइन कर प्रस्ताव बना लेता है और फ़र्ज़ी व्यक्तियों के नाम से चेक काट कर पैसे आहरण भी कर लेता है उपसरपंच ने बताया की सरपंच महिला है लेकिन उसका देवर भी एक सरपंच का सील जेब मे लेकर घूमता है पूरा पंचायत वही चलाता है विकास की पूरी राशि सरपंच के द्वारा भ्रष्टाचार कर गबन कर ली गई है आज भी ये गांव विकास से कोसो दूर है।
जांच रिपोर्ट आने के बाद होगी आगे की कार्यवाही
बड़ा सवाल ये है की कैश बुक में भुगतान राशि का एक भी बिल नही लगाया गया है और पूरी राशि निकल गई इस बात की शिकायत सीईओ और कलेक्टर से की गई तो उन्होंने एक जांच टीम बनाकर ग्राम पंचायत भेजा जहां जांच टीम ने शिकायत को सही और सरपंच सचिव को दोषी पाया है वहीं जनपद पंचयात लोरमी के सीईओ ने बताया की शिकायत सही पाई गई है अब जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
जांच रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपी गई
अब सवाल ये है की जांच अधिकारी अपनी जांच रिपोर्ट कब तक देंगे और किस तरह की कार्यवाही अधिकारियों के द्वारा की जाएगी क्योकि औऱ भी कई ऐसे पंचायत है जहां की जांच रिपोर्ट तो अधिकारियों को सौपी गई लेकिन कार्यवाही के नाम पर कुछ भी नही सिर्फ लीपापोती का काम किया गया ऐसे भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों के खिलाफ प्रशासन को कड़े रुख कब अपनाएगी ये तो आने वाला वक्त की बताएगा।