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साईको किलर की निशानदेही पर ग्वालियर पुलिस ने सिंधिया राजवंश की छत्री से बरामद की हड्डियां

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Nov 24, 2018

सुनील वर्मा : गुरुग्राम में मासूम बच्चियों को बहला-फुसलाकर उनसे दुष्कर्म और हत्या करने वाले साइको किलर सुनील की निशानदेही पर ग्वालियर पुलिस ने सिंधिया राजवंश की छत्री से कुछ हड्डियां बरामद की है। यह हड्डियां मानव की है। ऐसा पुलिस का दावा है। अग्रिम विवेचना के लिए हड्डियो को डीएनए टेस्ट के लिए सुरक्षित रखवा दिया गया है। 

दअरसल साइको किलर सुनील द्वारा अचलेश्वर महादेव मंदिर से 2013 के 23 सितंबर महीने में गायब की गई 5 साल की काजल नामक बच्ची की यह हड्डियों बताई जा रही है। पुलिस ने पुख्ता तौर पर कुछ भी कहने से इनकार किया है। लेकिन पुलिस का कहना है कि आरोपी की निशानदेही पर छत्री से यह हड्डियां बरामद की गई हैं। अचलेश्वर महादेव मंदिर से छत्री परिसर की दूरी चंद कदमों के फासले पर है। इसलिए हड्डियों के लापता हुई बच्ची की होने का अंदेशा जताया जा रहा है। 

बता दें कि 5 साल पहले अचलेश्वर महादेव मंदिर पर भंडारा खाने गई 5 साल की मासूम काजल देखते ही देखते गायब हो गई थी। इस मामले में बच्चे की मां ने रानी परिहार नामक महिला पर अपनी बेटी को गायब करने का आरोप लगाया था। 3 महीने चक्कर लगाने के बाद पुलिस ने लड़की के अपहरण का मामला दर्ज किया था। कंपू पुलिस 5 साल से मामले की जांच कर रही है लेकिन उसके हाथ खाली है। लेकिन गुड़गांव पुलिस द्वारा झांसी से पकड़े गए महोबा के साइको किलर सुनील की स्वीकारोक्ति के बाद पुलिस अब कुछ राहत की सांस ले रही है ।पुलिस का मानना है कि सुनील द्वारा बरामद कराई गई हड्डियां लापता लड़की की हो सकती है। कंपू पुलिस ने शनिवार शाम को लड़की की मां को थाने बुलाकर उनके बयान दर्ज किए हैं। पुलिस ने डीएनए के लिए महिला को राजी किया है। 

महिला का कहना है कि चंद हड्डियों से उनकी उसकी बेटी के होने का पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता। क्योंकि यदि सुनील ऐसा करता तो लड़की की बाकी हड्डियां भी आसपास होना चाहिए थी उसके कपड़े कहां गए। यह सवाल भी वह पुलिस से कर रही है। लड़की की मां का यह भी कहना है कि साइको किलर से उनका आमना-सामना बातचीत नहीं कराई गई। जिससे मामला संदिग्ध है। पुलिस का कहना है कि पहले तो इन हड्डियों का पता लगाया जा रहा है कि यह इंसान की है और यदि है तो किसकी है इसके लिए लापता बच्ची के परिजनों का ब्लड सैंपल और डीएनए लेकर बरामद हड्डियों से मैच कराया जाएगा। तभी कुछ पुख्ता तौर पर कहा जा सकेगा।