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सरदारपुरः राहगीर शिवभक्तों ने झीर्णेश्वर मार्ग पर सड़क नहीं होने पर जताया विरोध

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Aug 13, 2019

शैलेन्द्र पँवार- झीर्णेश्वर मार्ग पर सड़क निर्माण की जरूरत है। राहगीर शिवभक्तों ने सड़क नहीं होने पर जताया विरोध, जबकि क्षेत्रीय विधायक ने आस्था केन्द्र बताकर झाड़ा पल्ला। यूँ तो देश भर में श्रावण मास के अंतिम सोमवार को शिवालयों में शिवभक्तों का सैलाब उमड़ते देखा गया। इसी श्रृंखला में सरदारपुर के अति प्राचीन झीर्णेश्वर महादेव तीर्थ पर कई स्थानों से कावड़ यात्री कावड़ लेकर पहुँचे। क्षेत्रीय विधायक प्रताप ग्रेवाल भी सैकड़ों कावड़ियों के साथ झीर्णेश्वर महादेव तीर्थ पहुँचे। इस दौरान झीर्णेश्वर मार्ग में किचड़ से पैर लथपथ होते, मुँह बनाते और सरदारपुर नगर परिषद अध्यक्ष महेश भाभर का सहारा लेते हुये उन्हें देखा गया।

विधायक झीर्णेश्वर तीर्थ को बार-बार आस्था का केन्द्र बताकर पल्ला झाड़ते नजर आये

आपको बता दें कि झीर्णेश्वर तीर्थ शिवभक्तों की आस्था का केन्द्र रहा है। कई जनप्रतिनिधि विपक्ष में रहकर इस तीर्थ पर जाने वाले मार्ग को सत्ता में आते ही निर्माण करवाने के दावे करते रहे हैं लेकिन सत्ता के सुख में झीर्णेश्वर मार्ग उपेक्षाओं का शिकार होता रहा है। क्षेत्रीय विधायक ने भी विपक्ष में रहते मौखिक चर्चाओं में ऐसे ही दाँवे किये थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद शिवभक्तों की झीर्णेश्वर मार्ग निर्माण की दरकार को लेकर जब मीडिया टीम ने विधायक प्रताप ग्रेवाल से जानना चाहा कि कितने समय में शिवभक्तों को झीर्णेश्वर मार्ग पर सड़क एवं पुलिया निर्माण की सौगात मिल पायेगी तो विधायक जी झीर्णेश्वर तीर्थ को बार-बार आस्था का केन्द्र बताकर मुद्दे की बात पर जवाब देने से पल्ला झाड़ते नजर आये। जबकि इसी मार्ग पर शिवभक्तों की समस्याओं को खुद विधायक जी भलीभाँति समझ चुके है, लेकिन कहावत है कि "नाच ना जाने, आँगन टेड़ा"।

जन प्रतिनिधिगण इस मार्ग पर सड़क व पुलिया निर्माण में नहीं दिखा रहे रूचि

इस मार्ग पर झीर्णेश्वर तीर्थ पहुँच मार्ग पर महिलाओं, बच्चों को कीचड़ के बीच बड़ी परेशानी से गुजरने के साथ, पानी के तेज बहाव से जान जोखिम में डालकर गुजरना पड़ा। इसके उपरांत भी जन प्रतिनिधिगण इस मार्ग पर सड़क व पुलिया निर्माण में ना जाने किस लाभ के चलते रूचि नहीं दिखा पा रहे हैं। अब देखना ये होगा कि सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र के विकास के दावों को शर्मसार करने वाली जीरो ग्राऊण्ड रिपोर्ट के बाद जिम्मेदार जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी इस ओर कोई ठोस कदम उठा पाते हैं या प्रतिवर्षानुसार आगामी वर्षों में भी शिवभक्तों को ऐसे ही कीचड़ और लबालब पानी में जान जोखिम में डालकर झीर्णेश्वर तीर्थ पर आता जाना होगा।