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बड़वानीः बिजली के तारों की चपेट में आने से फैले करंट से हुई दो की मौत  

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Aug 13, 2019

सचिन राठौड़- लकड़ी की नाव से नर्मदा नदी पार कर रहे दो लोगों की मौत हो गई। बिजली के तारों की चपेट में आने से करंट फैल गया था। मृतकों के परिजनों सहित विस्तापितों ने हंगामा करते हुए प्रशासन को खरी खोटी सुनाई। वहीं उक्त मामले में गृहमंत्री ने कहा पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद की जाएगी। मामले को प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन ने दुखद घटना बताते हुए पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा होने की बात की है. गृहमंत्री ने कहा घटना की जानकारी मुझे नहीं थी, मैं यात्रा में व्यस्त था। हालांकि उन्होंने बताया कि सुबह ही उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ जी को सरदार सरोवर बेक वाटर को लेकर बन रहे यहाँ के हालात से अवगत करवाया था।

अपने परिजनों को खाना देने जा रहे थे युवक

राजघाट में कल नर्मदा नदी में करंट फैलने से दो लोगों की मौत हो गई। मृतक चिमन दरबार और सन्तोष दरबार कल अपने परिजनों को खाना देने जा रहे थे। उसी दौरान बिजली के तारों की चपेट में आ गए और हादसा हो गया। नाव में कुल 5 लोग सवार थे जिनमें 3 लोग बच गए जबकि करंट लगने से दो की मौत हो गई। बता दें, नर्मदा का जलस्तर 131 मीटर से ऊपर है जिसके कारण राजघाट का कुकरा गांव टापू में तब्दील हो गया। जहाँ पर 40 परिवार अभी भी निवासरत है। इसमें नाव में सवार लोग अपने परिवार के लोगों को बड़वानी से खाना देने जा रहे थे और हादसा हो गया। घटना के बाद पुलिस मौके पर पंहुच गई है।

नर्मदा बचाओ आंदोलनकर्ता ने प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप

वहीं नर्मदा बचाओ आंदोलन इस घटना का जिम्मेदार प्रशासन को बता रहा है। कार्यकर्ता राहुल के अनुसार प्रशासन की लापरवाही के कारण बिजली सप्लाई बंद नहीं हुई। जिससे ये हादसा हुआ है, क्योंकि बिजली के तार खेतों के हैं और जलस्तर 131 मिटर हो गया है, इसके बावजूद सप्लाई बन्द नहीं की गई थी। मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। मृतकों के परिजनों सहित विस्थापितों ने हंगामा करते हुये प्रशासन को खरी खोटी सुनाई। मेघा पाटकर के अनुसार जो हक मांग रहे थे उन्हें मौत मिली है। प्रशासन ने बोट की व्यवस्था की, लेकिन उस बोट का उपयोग सिर्फ प्रशासन के लोग कर रहे हैं। ऐसे में जब ये लोग खाना लेकर पर्सनल नाव से जा रहे थे तो पानी मे करंट फैला था, जिसके चलते उनकी जान गई है। मेघा ने कहा कि दिल्ली और गुजरात जो पानी भर रहा है उसके सामने अब समय आ गया है मध्यप्रदेश की जनता और सरकार को पुरजोर आवाज उठाना चाहिए।