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घोषणा करके भूले विधायक, शहीद पुलिसकर्मी की याद में नहीं बना शहीद स्मारक

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Aug 2, 2018

राजेश लक्षकार : देशभक्ति जनसेवा का स्लोगन देने वाले पुलिस विभाग के आरक्षक शहीद भूपेन्द्रसिंह ने ग्यारह साल पहले आज ही के दिन अपना जज्बा दिखाते हुए फर्ज निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। 11 साल बाद भी शहीद की शहादत तो जीरन पुलिस थाने के अधिकारियों को तो याद रही मगर शहीद की शहादत पर बड़ी बड़ी घोषणाएं कर जनता से ताली बजवाने वाले नेताओं को अपना वादा याद नही रहा। 

हम बात कर रहे हैं 2 अगस्त 2007 की जिस दिन जीरन थाने के ग्राम अघोरिया की जहां रात को राष्ट्रीय पक्षी मोर मारने वाले तस्करों ने कोहराम मचा दिया था। मामले की सूचना मिलते ही एक नगर सैनिक के साथ आरक्षक भूपेंद्रसिंह ने मोर मारने वाले तस्कर को धर दबोचा था। अपना पराक्रम दिखाते हुए आरक्षक भूपेंद्र सिंह ने गांव वालो के आने तक डटकर मुकाबला किया था लेकिन तस्कर ने भागने के लिए आरक्षक भूपेंद्र सिंह को गोली मार दी थी। जिससे मौके पर ही आरक्षक भूपेन्द्र सिंह के प्राण पखेरू उड़ गए थे। 

एक पुलिसकर्मी के साहस और पराक्रम के साथ हुई इस शहादत पर तत्कालीन विधायक दिलीपसिंह परिहार ने अघोरिया गांव की सभा मे शहीद भूपेंद्र सिंह की शहादत पर बड़ी बड़ी बाटे करतें हुए घटनास्थल पर शहीद द्वार और शहीद स्मारक बनाने की घोषणा की थी। उस घटना को 11 साल बीत गए है और दो विधानसभा चुनाव भी हो गए। शहीद द्वार और शहीद स्मारक की घोषणा करने वाले दिलीप सिंह परिहार दूसरी बार विधायक भी बन गए और उनका यह कार्यकाल भी लगभग पूरा होने वाला है लेकिन इन 11 साल में वो अपनी घोषणा पर अमल नही कर पाए। इधर इस मामले में दलपतपुरा के पूर्व सरपंच पर्वतसिंह जाट ने कहा कि बड़ी बड़ी घोषणाएं कर तालियां बजवाकर वाहवाही लूटने वाले विधायक दिलीप सिंह परिहार की वादा खिलाफी से जाट समाज और अघोरिया गांव के ग्रामीणों ने भारी आक्रोश है। विधायक अपनी घोषणा पूरी करे अन्यथा चुनाव में उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।

जीरन पुलिस थाना परिवार ने शहीद भूपेंद्रसिंह की शहादत को याद करते हुए श्रदांजलि कार्यक्रम रखा। पुलिस थाना भवन में शहीद आरक्षक भूपेंद्र सिंह की आत्म शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर और पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।