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मुख्यमंत्री कमल नाथ द्वारा नाबार्ड के स्टेट फोकस पेपर 2020-21 का विमोचन

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Feb 27, 2020

भोपालः मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश को देश का हार्टिकल्चर कैपिटल बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी किसानों की समृद्धि के द्वार खोलने वाला क्षेत्र है। यही कृषि का भविष्य भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड को हार्टिकल्चर के क्षेत्र में ऋण देने का अनुमान 6 प्रतिशत से बढ़ाकर कम से कम 15 प्रतिशत रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में बड़ी मात्रा में अनुपयोगी पड़ी राजस्व भूमि का उपयोग उद्यानिकी क्षेत्र के विस्तार में किया जा सकता है। मुख्यमंत्री मंत्रालय में नाबार्ड द्वारा आयोजित राज्य ऋण संगोष्ठी 2020-21 में स्टेट फोकस पेपर का विमोचन कर रहे थे। नाबार्ड ने प्रदेश के लिये 1,98,786 करोड रूपये के ऋण का आंकलन किया है। यह पिछले साल से 13 प्रतिशत ज्यादा है।

कृषि में भी नई सोच से काम करने की आवश्यकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कृषि क्षेत्र में भी नई दृष्टि और नई सोच के साथ काम करने की आवश्यकता है। पूरा दृश्य बदल रहा है। पहले छोटे दानों जैसे कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था। आज इन फसलों की प्राथमिकता है। पहले यह गरीबों की खाद्य सामग्री मानी जाती थी। अब ये फसलें पोषक तत्वों के कारण सर्वाधिक उपयोगी साबित हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड के पास वर्षों का संचित अनुभव और बौद्धिक क्षमता है। इसका उपयोग भविष्य में निर्मित होने वाले परिदृश्य में ज्यादा कारगर होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए जो प्लान बनाये हैं, वे देश के लिए भी उपयोगी होंगे।

कृषि क्षेत्र के उभरते बाजार पर पैनी नजर

मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती युवाओं की बेरोजगारी है क्योंकि वे शहरों और गांवों के बीच भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को नई तकनीक और तकनीकी कौशल से जोड़ना होगा। प्रदेश की कृषि को आधुनिक बनाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड को अब फसलों के निर्यात पर भी ध्यान देना होगा। कृषि क्षेत्र के भीतर उभरते बाजार पर भी पैनी नजर रखना होगी। उन्होंने कहा कि नाबार्ड अपनी विशेषता को सामान्य रूप से किए जाने वाले कार्यों में उपयोग न करें बल्कि खेती की नई तकनीकों पर ध्यान दे। वेयर हाऊस निर्माण और उपार्जन की अधोसंचानाओं के निर्माण पर भी ध्यान दे। इसके अलावा, यह भी विचार करे कि कौन सी उपयोगी अधोसंरचनाएं बन सकती हैं और बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक-दो दशक पहले नाबार्ड की भूमिका सिर्फ रि-फाईनेंसिंग तक सीमित थी। आज इसे अपनी भूमिका को भी विस्तार देने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले किसान उत्पादक संगठनों को सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्य शासन और नाबार्ड के वरिष्ठ अधिकारी एवं लीड बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।