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रानी दुर्गावती योजना के तहत किसानों के नाम से निकाला फर्जी लोन

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Aug 2, 2018

दशरथ सिंह : शासन की योजनाओं का लाभ देने वाले ही योजना में गोलमाल करने लग जाए तो शासन का लाभ कैसे किसानो को मिलेगा जब की किसानो के नाम से ही फर्जी लोन निकाला जा रहा है। हम बात कर रहे हैं मेघनगर की आदिम जाति सेवा सहकारी बैंक के संचालक और शाखा प्रबंधक व संस्था प्रबंधक की मिली भगत के चलते एक किसान के नाम पर रानी दुर्गावती योजना के तहत फर्जी लोन निकाल डाला। जब किसान को इस बात का पता चलता तो किसान ने इस बात की शिकायत प्रधानमंत्री एवं नाबार्ड को की। जिसके बाद इस फर्जीवाडे को दुकाने के लिए बैंक संचालक, संस्था प्रबंधक और शाखा प्रबंधक ने ताबडतोड़ इस मामला को छुपाने के लिए लोन भर डाला लेकिन किसान की इस शिकायत पर ये तीनों बच नही पाए जब बैंक शाखा जिला महाप्रबंधक ने जांच की तो शाखा प्रबंधक और संस्था प्रबंधक प्रथम दृष्टिया दोषी दोषी पाये गये। जिला सहकारी महाप्रबंधक ने बैंक मेनेजर को किया निलंबित और शाखा प्रबंधक को प्रधान कार्यालय किया अटैज और जिला बैंक संचालक सहित और इस मामले में शामिल लोगो की जाँच चल रही है।

शासन की महत्वपूर्ण योजना रानी दुर्गावती के तहत 2010 में ग्राम आमलीपठार के रहने वाले माधुसिंग पिता खुमानसिंग डामोर के नाम पर ईट भट्टा के कार्य हेतु फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोन लेने से लेकर बैंक से राशी आहरण तक फर्जी हस्ताक्षर के माध्यम से दस लाख रूप का लोन निकाल डाला। इस बात का खुलासा तब हुआ जब जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा मेघनगर के द्वारा एक दिन गलती से वसूली का नोटिस माधुसिंह डामोर के नाम से जारी कर दिया और बैंक कर्मचारी तामील करने माधुसिंग के घर चला गया। तब जाकर उसे पता चला कि जो नोटिस आया है वो लोन उसने लिया ही नही तो नोटिस कैसे आया। जब माधुसिंग ने बैंक में जाकर इस बाते में जानकारी ली तो पता चला की रानी दुर्गावती योजना में ईट भट्टा के लिये दस लाख रुपये का लोन उसके नाम पर दिया गया है। 

वहीं माधुसिंग का यह भी आरोप है कि जो मेरे नाम से दस लाख का फर्जी हस्ताक्षर कर दस्तावेज तैयार करने वाले संजय श्रीवास जो की बैंक का संचालक है। और गणेश प्रजापत भी है। इन्हीं दोनों ने ही मुझसे सरकारी नौकरी देने के नाम पर मेरे से मेरे दस्तावेज मांगे थे क्यों की मेरे पिताजी खुमान डामोर इनके साथ रहता था इन्ही के साथ संस्था में था तो मेने दस्तावेज देदिये थे उन्ही दस्तावेजों  द्वारा फर्जी लोन निकाला गया। जिसकी मुझे जानकारी भी नही दी जब मेने मेरे दस्तावेज मांगे थे तो कहा की गुम हो गए है। जब मिल जायेंगे तो दे देंगे कहा। तेरे पिताजी को और नही दिए इन्होेंने जब बैंक से नोटिस आया उसके बाद मुझे पता चला कि मेरे नाम से दस लाख का लोन लिया गया बताया इस फर्जी लोन में इनके साथ बैंक का प्रबंधक और संस्था का प्रबंधक व फिल्ड आॅफिसर भी शामिल है। 
 
शिकायत के बाद जब जांच के आदेश आए तो जांच के दौरान अधिकारी द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन अनुसार आदिम जाती सेवा सहकारी संस्था मेघनगर से तैयार ऋण प्रकरण रानी दुर्गावती योजनान्तर्गत माधुसिंग पिता खुमान डामोर निवासी आमलीपठार के ईंट भट्टा लगाने सम्बन्धी प्रकरण में ऋण आवेदनकर्ता की सहमति सन्तुष्टी के बिना ही अनियमित भुगतान किया गया। भुगतान की कार्यवाही में प्रथम दृष्टिया तत्कालीन प्र.शाखा प्रबंधक शाखा मेघनगर मन्नूसिंह खतेड़िया एव तत्कालीन संस्था प्रबंधक मेघनगर शंकरसिह नायक को मुख्य रूप से दोषी पाया गया। उक्त कृत्य गम्भीर दुराचरण की श्रेणी का होने से मन्नूसिंह खतेड़िया प्र.शाखा प्रबंधक शाखा मेघनगर को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया और तत्कालीन संस्था प्रबंधक शंकरसिंह नायक को सिर्फ हटाया गया है।