Nov 23, 2025
जमीन के लिए 14 साल संघर्ष, न्याय न मिला तो महिला ने खुद को आग लगाई, मौत
अशोक कुमार मिश्रा रीवा: रीवा जिले के जॉनी गांव की उर्मिला त्रिपाठी (55) ने अपनी ही जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के लिए 2011 से लेकर 2025 तक कलेक्टर, एसडीएम से पीएमओ तक गुहार लगाई। हर जगह सिर्फ आश्वासन मिला, कार्रवाई नहीं हुई। अंततः हताश उर्मिला ने सोमवार को घर में खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली। गंभीर रूप से झुलसी उर्मिला को संजय गांधी अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
कोर्ट का आदेश, अमले की अनदेखी
परिजनों के अनुसार 2011 में ही सिविल कोर्ट ने अतिक्रमणकारियों को जमीन से बेदखल करने का आदेश दे दिया था। बावजूद इसके राजस्व विभाग ने 14 साल तक कोई कदम नहीं उठाया। मृतका के बेटे प्रद्युम्न त्रिपाठी ने बताया कि दर्जनों बार तहसील, एसडीएम और कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगाए, लेकिन फाइलें सिर्फ दफ्तरों में घूमती रहीं।
आखिरी उम्मीद भी टूटी
पिछले कुछ महीनों में उर्मिला ने जनसुनवाई और ऑनलाइन शिकायत पोर्टल पर भी आवेदन किए। हर बार अधिकारी मौका मुआयना करने की बात कहते, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं होता। परिजनों का कहना है कि लगातार मिल रहे झूठे आश्वासनों ने उन्हें तोड़ दिया।
तहसीलदार का अलग दावा
तहसीलदार शिवशंकर शुक्ला ने कहा कि उर्मिला या उनके परिवार ने कभी कोर्ट का आदेश पेश नहीं किया। जनसुनवाई में सिर्फ मौखिक शिकायत आई थी। मौका मुआयना करने पर अतिक्रमण जैसी कोई स्थिति नहीं मिली, इसलिए कार्रवाई का आधार ही नहीं बना।
परिवार का गुस्सा, सवाल प्रशासन पर
मृतका के परिजनों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अगर समय रहते अतिक्रमण हट जाता तो आज उनकी मां जिंदा होतीं। गांव में मातम पसरा है और लोग सिस्टम की नाकामी पर सवाल उठा रहे हैं।







