Apr 30, 2020
नई दिल्लीः पीएम मोदी ने कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन 2 लागू किया है। जो अभी तक जारी है, लेकिन लाकडाउन के पहले चरण से लेकर अब तक प्रवासियों के उग्र व्यवहार, राज्यों की ओर से हो रही मांग और कुछ स्तर पर हो रही राजनीति के बीच केंद्र सरकार ने लॉकडाउन काल में भी प्रवासियों को अपने गांव- घर जाने की अनुमति दे दी है। बुधवार को दिशानिर्देश जारी कर इसका खाका भी बना दिया है। यानी अलग-अलग राज्यों मे फंसे मजदूर, छात्र, तीर्थयात्री, पर्यटक सड़क मार्ग से अपने घर लौट सकते हैं, लेकिन इसके लिए राज्यों के बीच आपसी सहमति होनी चाहिए और नोडल अधिकारी के जरिए ऐसे यात्रियों और समूहों को एक राज्य से भेजा जाएगा और दूसरे राज्य में उन्हें प्रवेश दिया जाएगा। इसके तहत वापसी के दौरान दो जगह पर स्क्रीनिंग की प्रक्रिया से गुजरना होगा और 14 दिन क्वारंटीन में भी रहना होगा।
इस सेंटर में कई ट्रक ड्राइवरों की ब्रेकडाउन में हुई सहायता
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि लॉकडाउन के दूसरे चरण के खत्म होने में अभी चार दिन बचे हैं। उससे पहले केंद्र सरकार ने मुख्यत: दो कारणों से इस पर फैसला लिया है। पहला कारण तो यह है कि राज्यों की ओर से नीति की मांग की जा रही थी। दूसरा कारण यह है कि लाकडाउन खत्म होने के बाद किसी अफरातफरी की स्थिति से बचने की कोशिश भी हुई है। ऐसी स्थिति बनने पर ज्यादा बड़ी परेशानी खडी हो सकती है। लिहाजा सरकार लाकडाउन के काल में भी प्रवासियों को अपने अपने स्थान पर पहुंचा देना चाहती है। इस मामले को लेकर गृहमंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देश के अनुसार वापसी की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए राज्यों को नोडल अधिकारियों को नियुक्त करना होगा। इसके साथ वापसी चाहने वाले सभी लोगों का पंजीकरण भी करना होगा। यानी वापस आने वालों की पूरी जानकारी रखी जाएगी। वापसी की प्रक्रिया शुरू होने के पहले सभी की स्क्रीनिंग की जाएगी और जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं होंगे, सिर्फ उन्हें ही इजाजत की जाएगी। वापसी के दौरान बीच में आने वाले राज्यों को इन बसों को निकलने की सुविधा देने को भी कहा गया है।