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महाधिवक्ता कनक तिवारी की जगह सतीश चंद्र वर्मा की नियुक्ति पर विवाद गहराया

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Jun 4, 2019

चंद्राकांत देवांगन : प्रदेश में महाधिवक्ता कनक तिवारी की जगह सतीश चंद्र वर्मा की नियुक्ति के बाद विवाद गहराता जा रहा है। पूर्व महाधिवक्ता ने अपने स्थान पर दूसरी नियुक्ति को गैर संवैधानिक करार दिया है। वहीं अपनी नियुक्ति के बाद से ही अपने साथ बड़ी साजिश होना भी बताया। कनक तिवारी ने यह भी साफ किया है कि उन्होंने ना ही कोई इस्तीफा दिया है ना ही काम करने की अनिक्षा जाहिर की थी वे लगातार काम कर रहे थे।

SIT गठन पर दी असहमति
उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि राज्यशासन के महाधिवक्ता होने के नाते उन्होंने शासन को कई अहम सुझाव देने चाहे थे जिनपर अमल नही किया गया। तिवारी ने राज्य शासन के द्वारा कई मामलों में जांच के लिए SIT गठन पर भी अपनी असहमति दी थी। कनक तिवारी ने आरोप भी लगाया है कि उनके नियक्ति को 5 माह हो गए लेकिन विधि सचिव को लगातार बुलाने पर भी उन्होंने एक बार भी महाधिवक्ता से मिलना उचित नही समझा। मुख्यमंत्री से भी कई विषयों पर गोपनीय चर्चा कर सुझाव देने का प्रयास किया लेकिन मुख्यमंत्री ने भिं उन्हें समय नही दिया। 

व्हाट्सएप्प के जरिये दी मुख्यमंत्री को जानकारी
कनक तिवारी ने मुख्यमंत्री से चर्चा के लिए व्हाट्सएप्प के जरिये अपने साथ हो रहे साजिश की जानकारी भी समय समय पर दी थी लेकिन उनको लगातार अनदेखा किया गया। कनक तिवारी ने एडवोकेट नियमावली का हवाला देते हुए बताया कि महाधिवक्ता की नियुक्ति और हटाये जाना। राज्यपाल का विशेषाधिकार होता है जिसमें राज्य शासन का मनचाहा अधिवक्ता ही इस पद पर बैठाया जाता है। अपने आप को हटाए जाने को लेकर कनक तिवारी ने देश का पहला मामला बताते हुए कहा कि बिना पद रिक्त हुए दूसरे को उस पद पर बदला गया। अधिसूचना में साफ साफ लिखा हुआ है कनक तिवारी महाधिवक्ता के स्थान पर सतीश चंद वर्मा अतरिक्त महाधिवक्ता को महाधिवक्ता नियुक्त करते है।

रिप्लेश का तरीका नियम विरुद्ध
तिवारी ने उनसे पूर्व के महाधिवक्ता का जिक्र करते हुए बताया कि पहले उस पद को रिक्त होना था बाद में उस रिक्त पद पर नियुक्ति होती लेकिन किसी के स्थान पर रिप्लेश का तरीका नियम विरुद्ध है। अपने पद से हटाए जाने के बाद तिवारी ने विपक्षी राजनीतिक दलों के द्वारा मामले को उठाये जाने पर भी स्पष्ट किया कि उन्हें किसी से कोई मतलब नही वे संवैधानिक पद पर थे और किसी भी तरह के राजनीतिक विवाद में नही पड़ना चाहते। 

क्या होगा कनक तिवारी का अगला कदम?
तिवारी ने यह भी स्पष्ट किया है कि उनका मुख्यमंत्री और अन्य किसी मंत्री से कोई मतभेद नही है ना ही वे कोई विवाद चाहते है। तिवारी ने पद  से हटाए जाने के बाद राज्यपाल से मुलाकात कर हटाये जाने के तरीके को नियम विरुद्ध बताये हुए उनके जवाब का इंतजार करना बताया है। कनक तिवारी ने मुख्यमंत्री के साथ व्हाट्सएप्प पर चर्चा को समय आने पर सार्वजनिक भी करने की बात कही है। अब देखना होगा नाराज चल रहे कनक तिवारी का अगला कदम क्या होता है क्योंकि राज्य सरकार के बहुत से विधि संबंधित राज भी तिवारी जानते है।