Dec 18, 2025
सुकमा में नक्सलियों को बड़ा झटका: तीन कमेटी सदस्य ढेर
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सुरक्षाबलों ने एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल की है। गोलापल्ली थाना क्षेत्र के घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों में चलाए गए एंटी-नक्सल ऑपरेशन के दौरान डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवानों और माओवादियों के बीच जोरदार मुठभेड़ हुई। इस संघर्ष में तीन माओवादी मारे गए, जिनमें एक महिला कैडर भी शामिल है। सूत्रों के अनुसार, कई अन्य नक्सली घायल हुए हैं, हालांकि उनकी सटीक संख्या अभी स्पष्ट नहीं है। ऑपरेशन अभी भी जारी है और इलाके में रुक-रुक कर गोलीबारी की आवाजें सुनाई दे रही हैं।
मुठभेड़ की शुरुआत और घेराबंदी
खुफिया सूचना के आधार पर डीआरजी की टीम ने जंगल में सर्चिंग शुरू की थी। जैसे ही जवान पहाड़ी क्षेत्र में पहुंचे, छिपे हुए माओवादियों ने उन पर हमला बोल दिया। जवानों ने मुस्तैदी से जवाबी कार्रवाई की और इलाके को पूरी तरह घेर लिया। सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने पुष्टि की कि मुठभेड़ जारी है और सुरक्षा बल पूरी सतर्कता बरत रहे हैं। इस ऑपरेशन में कोई जवान घायल नहीं हुआ है, जो सुरक्षाबलों की रणनीति की मजबूती को दर्शाता है।
मारे गए माओवादियों की पहचान
मारे गए तीनों माओवादी किस्टाराम एरिया कमेटी से जुड़े महत्वपूर्ण सदस्य थे। इनकी पहचान इस प्रकार है:
मडावी जोगा उर्फ मुन्ना उर्फ जगत – एरिया कमेटी मेंबर (एसीएम)
सोढ़ी बंदी – एरिया कमेटी मेंबर (एसीएम)
नुप्पो बजनी – एरिया कमेटी मेंबर (एसीएम, महिला कैडर)
ये कैडर नक्सली संगठन में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे और क्षेत्र में कई घटनाओं से जुड़े होने का संदेह है। उनकी मौत से किस्टाराम एरिया कमेटी को गहरा नुकसान पहुंचा है।
नक्सल विरोधी अभियान को मिली मजबूती
इस साल छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी कार्रवाइयों में तेजी आई है। बस्तर संभाग सहित पूरे राज्य में सुरक्षाबलों की सक्रियता से माओवादी बैकफुट पर हैं। यह मुठभेड़ नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक और कदम है। इलाके में सर्चिंग जारी रहने से और सफलता की उम्मीद है।







