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लोकसभा नतीजों के बीच सबसे बड़ी खबर,नीतीश कुमार को कांग्रेस दे सकती है ये बड़ा ऑफर!

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Jun 4, 2024

Bihar Lok Sabha Elections 2024  - लोकसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी का दांव उल्टा पड़ गया है, जबकि कांग्रेस ने अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया है. ऐसे में दोनों पार्टियां सरकार बनाने की भागदौड़ में जुट गई हैं. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अब सरकार बनाने के लिए नीतीश कुमार को उपप्रधानमंत्री पद की पेशकश कर सकती है... उधर, बीजेपी के कमजोर प्रदर्शन को देखकर मराठा नेता शरद पवार भी सक्रिय हो गए हैं. बताया जाता है कि उन्होंने नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और नवीन पटनायक से भी संपर्क किया है। हालांकि, शरद पवार इस बात पर कायम हैं कि वह किसी के संपर्क में नहीं हैं।

बिहार में जेडीयू की 14 सीटों से किसे होगा फायदा?

लोकसभा चुनाव के अब तक के रुझानों से साफ है कि केंद्र की सत्ता का सिंहासन हिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह एक्शन मोड में आ गए हैं. तो अब इस बार दो बड़े नेता बेहद सशक्त होकर सामने आए हैं. पहले हैं बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार और दूसरे हैं आंध्र प्रदेश के टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू... बिहार में जेडीयू 40 में से 14 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि बीजेपी को 12 और कांग्रेस को दो सीटें मिलने की संभावना है. अब देखना है कि जेडीयू बीजेपी गठबंधन में शामिल होती है या कांग्रेस का ऑफर स्वीकार करती है? लोकसभा चुनाव की जारी मतगणना के बीच ऐसी खबरें आ रही हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू से बात की है। प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने चंद्रबाबू नायडू से उस वक्त बात की जब कुछ समय पहले कांग्रेस नेतृत्व ने उनसे संपर्क किया था. चुनाव के शुरुआती रुझानों से अब चंद्रबाबू नायडू की पार्टी किंगमेकर बनती दिख रही है। आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से टीडीपी 16 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि बीजेपी को यहां सिर्फ तीन सीटें मिली हैं...

चंद्रबाबू वाजपेयी के कार्यकाल में एनडीए का हिस्सा थे

ये टीडीपी वही पार्टी है जिसके नेता चंद्रबाबू नायडू 2019 चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार के खिलाफ गठबंधन का नेतृत्व कर रहे थे. हालांकि इससे पहले चंद्रबाबू अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में एनडीए का हिस्सा रह चुके हैं.ये दोनों ऐसे नेता हैं जो बीजेपी के मौजूदा नेतृत्व को ज्यादा पसंद नहीं करते, लेकिन कहा जा सकता है कि ये राजनीतिक मजबूरी के तहत एनडीए के साथ आए हैं. अब जब बीजेपी कमजोर दिख रही है तो ये दोनों अपने लिए मौके तलाश सकते हैं. उन्होंने बड़ी सौदेबाजी की शक्ति हासिल कर ली है। बिहार में बार-बार दलबदल कर रहे नीतीश के लिए यह अस्तित्व की लड़ाई है, लेकिन चुनाव में एक बार फिर नीतीश बड़े राजनीतिक खिलाड़ी साबित हुए हैं।

Report By:
Author
Ankit tiwari