Jun 28, 2024
मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने अब एक्शन लेना शुरू कर दिया है। बता दें कि व्यापंम घोटाला, नीट घोटाला नर्सिंग घोटाला और पेपर लीक जैसे घोटालों के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार ने इस पर कड़ा एक्शन लेने का आदेश जारी कर दिया है। इन मामलों पर अब सख्त कानून बनाया जाएगा, जानकारी के अनुसार, कानून के अंतर्गत आरोपी को 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपए तक के जुर्माने को देना पड़ सकता है।
कानून लागू होने के बाद यह सजा
· इस कानून के अंतर्गत न केवल शिक्षा कर्मियों को लेकिन सर्विस प्रोवाइडर को भी सजा मिल सकती है बता दें कि यदि सर्विस प्रोवाइडर यानि जो परीक्षा के लिए मशीन, सिस्टम आदि प्रोवाइड कर वाता है वो भी यदि किसी प्रकार की लापरवाही बरतता है तो उसे भी सजा दू जाएगी।
· साथ ही सर्विस प्रोवाइडर परीक्षा केंद्र को स्वेच्छा से नहीं बदल सकेंगे, यदि ये गड़बड़ी में पाए गए तो वे ब्लैकलिस्ट भी कर दिए जाऐंगें।
· बता दें कि परीक्षा से जुड़ी किसी लापरवाही या गड़बड़ी में यदि यह साबित होता है कि सर्विस प्रोवाइडर से जुड़ा व्यक्ति या पदाधिकारी जिम्मेदार पाया गया तो उसे भी 10 साल तक की सजा और 1 करोड़ रुपए तक जुर्माना देना होगा।
· संगठित अपराध में सजा-जुर्माना अधिकतम होगा और आरोपी की संपत्ति भी जब्त कर ली जाएगी।
· इन गड़बड़ियों को लेकर आरोपी को जमानत भी नहीं दे जाएगी। .
· जाँच के लिए डीएसपी या असिस्टेंट कमिश्रर के पद से नीचे का अधिकारी काम नहीं करेगा, साथ ही सरकार चाहे तो एसआईटी बनाकर या केन्द्रीय या राज्य की एनफोर्समेंट एजेंसी को जांचकर सकती है
स्कूल शिक्षा विभाग करेंगे प्रारूप तैयार
जानकारी के मुताबिक, सरकार का आगामी विधानसभी सत्र में ही इस कानून को लाने का प्रयास है। बता दें कि इसके प्रारुप बनने की शुरुआत की जा चुकि है। पेपर लीक घोटाले से जुड़ी समस्याओं के कानून को बनाने की जिम्मेदारी शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों के शिक्षा विभाग को दी है।