May 22, 2024
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री को एक पत्र के जरीए मध्य प्रदेश में महिलाओं की दुर्दशा और महिला आयोग में 24000 केस पेंडिंग की समस्या पर ध्यान केंद्रित करने कहा ।साथ ही महिला आयोग में सदस्यों के खाली स्थान की भी चिन्ता जताई।
क्या बोले जीतू पटवारी
पटवारी ने अपने पत्र में लिखा कि आदरणीय मुख्यमंत्री जी, माना जा सकता है कि आपके द्वारा लगातार की जा रही लापरवाही एवं महिला अपराधों पर आंखें मूंद लेने की प्रवृत्ति मुख्यमंत्री के तौर पर आपको इस पद के लिए अयोग्य बनाती है।जीतू पटवारी कहते हैं कि आयोग में सदस्यों के साथ अध्यक्ष का भी स्थान खाली है।महिलाओं को न्याय देने से जुड़े हुए 24,000 मामले भी पेंडिंग हैं। यह आपकी और भाजपा सरकार की नकामी का सबसे बड़ा परिणाम है। चाहे वो आगर मालवा की बलात्कार पीड़िता हो, चाहे इंदौर की साइबर क्राइम से पीड़ित बच्ची, यदि पुलिस किसी को न्याय नहीं दे पा रही है तो महिला आयोग का यह काम है कि उन्हे न्याय दे।
पटवारी ने जताई चिंता
पटवारी ने चिठ्टी में लिखा कि ,मध्य प्रदेश में महिलाओं की स्थिति दिन ब दिन कमजोर होती जा रही है,इस स्थिति पर अभिव्यक्ति करना हर नागरिक का कर्तव्य है। जीतू पटवारी आगे कहते है कि महिलाओं के साथ बढ़ते अपराध मप्र को क्राइम केपिटल बनाने मे सक्षम कर रहे है।महिला आयोग महिलाओं के लिए न्याय देने के लिए होता है ।लेकिन, अब वहां भी सुनने वाला कोई नहीं है।
पटवारी ने मुख्यमंत्री को ठहराया दोषी
पटवारी ने कहा हर महिने 3500 केस दर्ज कराए जाते हैं अर्थात नौ से 10 महिलाएं प्रतिदिन, हर दिन इन नौ से 10 महिलाओं को न्याय न मिलने के जिम्मेदार केवल आप हैं।
क्या यही आपकी महिला न्याय नीति है? आयोग के नियमानुसार किसी भी दर्ज मामले पर 15 दिन के अंदर कार्रवाई करनी होती है, परंतु आपकी सरकार नियम और कानून से परे चलती है। सरकार की रुचि केवल विपक्षी नेताओं पर एफआईआर कर पॉक्सो एक्ट लगाने में है। आपको बता दें कि साल 2023-24 में महिलाओं के टॉर्चर के केस सबसे ज्यादा आए हैं।
पटवारी ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए नीतियां बनाई जाऐ।जिससे पीड़ितो के मामले कम हो सकें।साथ ही कहा कि, अगले 30 दिन में एक कार्यरत प्लान बनाइए और प्रदेश की महिलाओं को बताइए कि वे अगले 4.5 साल किस तरीके से सुरक्षित हैं।