Oct 12, 2018
युवराज गौर - जिला अस्पताल बदइंतजामी का अड्डा बनता जा रहा है जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। अस्पताल में मरीज को अगर भर्ती करा दिया तो डॉक्टर कब उसे देखेगा या नही देखेगा इसकी कोई जवाबदारी नही डॉक्टर सिर्फ खानापूर्ति करने आते है। और रात्रि में जो स्टाफ होता है वह तो मरीज को देखता तक नही फिर चाहे मरीज मर ही क्यों न जाए।
महिला को देखने कोई डॉक्टर नही
बता दें कि ग्राम सिंगनवाड़ी निवासी फुला बाई उइके को सिर दर्द और उल्टी की शिकायत होने पर सुबह करीब 11 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जंहा डॉक्टरों उसे दो इंजेक्सन और गोली दी उसके बाद से महिला को देखने कोई डॉक्टर नही आया पूरी रात भी महिला को नही देखा गया और महिला की मौत हो गई। जिस पर महिला के परिजनों ने जिला अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मृतक फुला बाई के पति ललित उइके ने बताया कि उसने फुला बाई को अस्पताल में भर्ती कराया था।
डाक्टरो ने मौत का कारण नही बताया
जानकारी के अनुसार इलाज के नाम पर डॉक्टरों ने दो इंजेक्सन लगाए और चले गए फिर रात में कोई नही आया। फूलाबाई ने रात में बातचीत भी की थी देर रात्रि में फूलाबाई पलंग से नीचे गिर गई थी जो कि सुबह तक नीचे पड़ी रही जंहा उसकी मौत हो गई थी। लेकिन कोई भी स्टाफ रात्रि में देखने नही आया सुबह देखा और उसे आक्सीजन लगा दी। लेकिन फूलाबाई मर चुकी थी इस बात से नाराज मृतका के परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया और फूलाबाई का पोस्टमार्टम करने की बात की तो स्टाफ ने मना कर दिया। जैसे-तैसे फूलाबाई का पोस्टमार्टम कराया लेकिन डाक्टरो ने मौत का कारण नही बताया।