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उज्जैन के सिंहपुरी में बनेगी विश्व की सबसे बड़ी वैदिक होली

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Mar 5, 2023

उज्जैन में 5000 कंडों से बना होलीका दहन होना है जो की 20 फ़ीट ऊंची रहेगी। कंडों को पहले रंग और गुलाल से भी सजाया गया है।  उज्जैन के सिंहपुरी क्षेत्र की ये होली पुरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस होलिका दहन को सबसे बड़ी वैदिक होली माना जाता है। इस होलिका दहन को इसीलिए भी ख़ास माना जाता है है क्युकी यहाँ होली जलाने की वर्षो पुरानी परंपरा है जो आज भी जारी हैं। इस होलिका दहन के प्रसिद्ध होने के पीछे कुछ कारण है जिनमे यह बताया जाता है की पहले वेद मंत्रो के माध्यम से कंडों को बनाया जाता है और फिर इन्ही कंडो के जरिए होलिका त्यार की जाती है। इसके बाद प्रदोष काल में चारो वेदों के ब्राह्मण मिलकर अलग अलग मंत्रो से होलिका का पूजन करते है। यहाँ पर बड़ी संख्या में महिलाएं पूजन करने पहुँचती है और फिर चकमक पत्थरों से होलिका दहन किया जाता है।  
ऐसी मान्यता है की यहाँ पर होलिका में प्रहलाद के रूप में एक ध्वजा लगाई जाती है । खास बात यह है की होलिका जलने के बाद भी ध्वजा नहीं जलती और किसी एक दिशा में गिर जाती है , माना जाता है की जिस दिशा में ध्वजा गिरती है , उस साल उसी दिशा में सम्पनता आएगी। सिंहपुरी की होली से शहरवासियों का भावनात्मक लगाव भी है और ये महोत्सव तीन दिनों तक चलता है जिसमे महाकाल ध्वज समारोह भी निकालना जाता है।  इसके अलावा ,सिंहपुरी की गेर भी पुरे उज्जैन में निकाली जाती है।  
 सिंहपुरी की होली इस कारण से भी ऐतिहासिक है क्युकी इस होली का उल्लेख श्रुत परंपरा के साहित्य में भी है।  माना जाता है की सिंहपुरी का होलिका दहन राजा भर्तृहरि के द्वारा किया जाता था।