Jan 7, 2023
राघौगट नपा के चुनाव के बहाने सियासी जोर आजमाइश के मूड में भाजपा
भोपाल, कांग्रेस दिग्गज दिग्विजय सिंह के किले पर फिर चढाई शुरू हो रही है। यह किला है उनके गृहनगर राघौगढ़ की नगरपालिका जो साढे चार दशक से अजेय है। इसके चुनाव हेतु नामांकन दाखिले का काम आज शुरू हुआ है। बीस जनवरी को वोट डाले जायेंगे। यह नगरपालिका राजनीतिक रूप से इसलिये खास है क्योंकि अभी तक यहां पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है तथा यह दिग्विजय सिंह की रियासत के अंतर्गत है। खुद दिग्विजय भी इसके अध्यक्ष रहे हैं।
गौरतलब है कि भाजपा ने हाल के कुछ साल में राघौगढ की विस, पंचायतें और स्थानीय निकायों पर कब्जे के लिये कई सारे राजनीतिक पैंतरे अमल में लाने शुरू कर दिये हैं। माना जाता है कि कांग्रेस से भाजपा नेता बन चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिये भी यह % व्यक्तिगत मिशन % जैसा है, भाजपा की हसतरें अब साथ जुडगई हैं। कुछ महीने पहले सिंधिया ने पहली बार राघौगढ पहुंचकर सभी की थी और दिग्विजय के खांटी समर्थकों को भी तोडा था। अब राघौगढ की चुनाव प्रक्रिया पर प्रशासन की नजर है, कल कलेक्टर फ्रैंक नोबल भी राघोगढ़ पहुंचे व अधिकारियों के साथ चुनाव संबंधी बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए।
उधर राघोगढ़ नगरपालिका में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। 6 जनवरी तक नामांकन किए जाएंगे। 20 जनवरी को वोटिंग होनी है। दोनों ही पार्टियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इतिहास देखें तो अभी तक यहां भाजपा कभी अपना अध्यक्ष नहीं बना पाई है। सिंह के राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत भी यहीं से हुई है। वे 77 में नगरपालिका अध्यक्ष बने थे। हालांकि, उन्होंने पार्षद का चुनाव नहीं लड़ा था। उन्हें एल्डरमैन बनाया गया था, जिसके बाद वे अध्यक्ष बने। तब से नगरपालिका पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। नपा गठन के बाद दिग्विजय से पहले भी दो अध्यक्ष कांग्रेस के ही थे।
सबसे अमीर इलाका
गुना जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर राघोगढ़ करीब एक लाख की जनसंख्या वाला है तथा 45 हजार मतदाता हैं। इनमें राघोगढ़ कस्बा, विजयपुर और रुठियाई शामिल है। देश की नवरत्न कंपनी गेल व ऐनऐफऐल भी इसी नगरपालिका के तहत है। लिहाजा इस नपा की गिनती प्रदेश की सबसे धनी नगरपालिकाओं में होती है। टैक्स वसूली में प्रदेश में पहले नंबर पर रहने पर ईनाम स्वरूप शासन ने 30 लाख रुपए का अनुदान हाल में दिया है।