Oct 13, 2021
अनिल डेहरिया । चांदामेटा नगर की सीमा से लगी पहाड़ियों पर भव्य माँ खेड़ापति का मंदिर भक्तों की आस्था ओर पर्यटक का अद्भुत केंद्र है। हरीभरी पहाड़ियों के बीच बसे माँ खेड़ापति के भव्य मंदिर में प्रतिदिन माँ के दर्शन करने सैकड़ों भक्त पहुँचते है। यहाँ 13 वर्ष पूर्व ज्वाला देवी से लाई अखंड ज्योति निरन्तर प्रज्जलित हो रही है।
मंदिर में 351 ज्योति कलश स्थापित
शारदेय नवरात्र पर्व पर प्रतिदिन प्रातः और सांध्य की महाआरती में हजारों भक्त उपस्थित हो रहे हैं। यहाँ प्रतिवर्ष नवरात्र पर ज्योति कलश की स्थापना की जाती है। इसी श्रृंखला में इस वर्ष 351 ज्योति कलश स्थापित किये गए हैं। मान्यता है कि, माँ खेड़ापति अपने भक्तों की हर संकट से रक्षा करती है।
18 साल पहले हुआ था मंदिर का निर्माण
सदियों पूर्व कोयला खदानें खुलने के बाद परासिया और चांदामेटा क्षेत्र के लोगों ने मां खेड़ापति का पिण्ड स्वरूप में पूजन शुरू किया था। तब से माँ खेड़ापति अपने भक्तों की हर मुसीबत से रक्षा कर रही है। लगभग 18 वर्ष पहले यहाँ भव्य मंदिर का निर्माण हुआ और माँ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई।