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छतरपुर: सिविल अस्पताल में 4 घंटे तक अंधेरा, नर्सों ने टॉर्च की रोशनी में लगाए इंजेक्शन, डॉक्टर मोबाइल की रोशनी में करते रहे इलाज

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May 4, 2025

छतरपुर: सिविल अस्पताल में 4 घंटे तक अंधेरा, नर्सों ने टॉर्च  की रोशनी में लगाए इंजेक्शन, डॉक्टर मोबाइल की रोशनी में करते रहे इलाज

बिजली गुल, जनरेटर भी फेल—अस्पताल बना अंधेरे का गवाह

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के नौगांव सिविल अस्पताल में सोमवार दोपहर बड़ी लापरवाही देखने को मिली। आंधी-तूफान के चलते बिजली चली गई, लेकिन अस्पताल में लगे दोनों जनरेटर तकरीबन चार घंटे तक बंद पड़े रहे। नतीजा यह हुआ कि पूरा अस्पताल अंधेरे में डूब गया और मरीज बेहाल हो उठे।

मोबाइल और टॉर्च बनीं इलाज का सहारा

बिजली न होने के कारण डॉक्टरों और नर्सों को मजबूरी में मोबाइल और टॉर्च की रोशनी में इलाज करना पड़ा। नर्सें टॉर्च की मदद से मरीजों को इंजेक्शन लगाती रहीं, तो वहीं डॉक्टर मोबाइल टॉर्च से ब्लड प्रेशर और अन्य जरूरी जांच करते नजर आए।

ऑपरेशन थिएटर और इमरजेंसी भी अंधेरे में डूबे

अस्पताल के वार्ड, इमरजेंसी रूम और ऑपरेशन कक्ष तक अंधेरे में रहे। मरीजों और उनके परिजनों की हालत बेहद चिंताजनक रही। उमस और गर्मी ने हालात और बिगाड़ दिए। बिजली शाम 7 बजे तक बहाल नहीं हुई।

जनरेटर की खराबी या लापरवाही?

अस्पताल प्रशासन जनरेटर बंद होने की वजह तकनीकी खराबी बता रहा है, लेकिन स्थानीय लोगों और मरीजों का कहना है कि यह सीधे तौर पर जिम्मेदारों की अनदेखी और सिस्टम की विफलता है।

डॉक्टर बोले - 'मजबूरी है, मरीजों को छोड़ नहीं सकते'

ड्यूटी पर तैनात एक डॉक्टर ने कहा, "बिजली नहीं है, मजबूरी में ऐसे ही देखना पड़ रहा है। मरीजों को यूं ही नहीं छोड़ा जा सकता, लेकिन अंधेरे में इलाज करना एक जोखिम है।"

Report By:
Monika