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दीवार गिरने से बच्चा हुआ घायल, डेढ़ घंटे तक डॉक्टर नहीं पहुंचे अस्पताल

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Jun 1, 2018

रतलाम के जावरा में गुरुवार को सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के देर से पहुंचना एक बच्चे की मौत का कारण बन गया। ढोढर में दीवार गिरने से घायल 5 वर्षीय बालक को परिजन लेकर पहुंचे थे। अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिले तो वे उसे नर्सिंग होम ले गए। वहां से पुलिस केस कहकर फिर सरकारी में भेज दिया, परिजन फिर उसे सरकारी अस्पताल ले पहुंचे। वहां काफी देर बाद इलाज शुरू हुआ लेकिन तब तक बच्चे ने दम तोड़ दिया। 

आक्रोशित समाजजन ने अस्पताल में हंगामा किया। तहसीलदार व टीआई को डॉक्टरों की लापरवाही के खिलाफ आवेदन दिया। सीएमएचओ ने इंचार्ज व ड्यूटी डॉक्टर को नाेटिस दिए हैं अस्पताल में डॉक्टरों के पद खाली होने से ड्यूटी डॉक्टरों पर काम का दबाव है। वे आपस में लड़ रहे हैं तथा ओवर ड्यूटी का झंझट बताते हुए इस्तीफे देने पर अड़े हैं। आमजन समिति ने रमजान बाद चरणबद्ध आंदोलन की बात कही है। 

ढोढर निवासी राकेश मीणा ने बताया गुरुवार सुबह 7 बजे घर की एक दीवार जर्जर होने से पतरे उतारे और दूसरे काम में लग गए। इसी बीच जितेंद्र मीणा का इकलौता बेटा वंशु (5) खेलते हुए दीवार के पास चला गया। दीवार ढह जाने से वंशु दब गया। मैं और रिश्तेदार बाइक से वंशु को सुबह करीब 8 बजे अस्पताल लाए। डॉक्टर नहीं होने पर नर्सों व ड्यूटी पर मौजूद अन्य कर्मचारियों से डॉक्टर बुलाने का कहा लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। पौन घंटे इंतजार किया लेकिन इलाज नहीं मिला। वंशु की हालत बिगड़ती देख मैं तथा वंशु की मां पूनमबाई उसे पिपलौदा रोड स्थित निजी अस्पताल ले गए। वहां से यह भेज दिया कि ये पुलिस केस है। सरकारी में इलाज होगा। सरकारी अस्पताल में सुबह  डॉ. अरुण गुप्ता आए। आते ही हमारे बच्चे को देखने की बजाय एक्सीडेंट में मामूली घायल अन्य मरीजों को देखने में लग गए। काफी देर बाद वंशु को देखा और इलाज शुरू किया लेकिन तब तक उसने दम तोड़ दिया। समय पर इलाज मिलता तो जान बच सकती थी। 

अस्पताल पहुंचे मीणा समाजजन व आमजन समिति के लोगों ने हंगामा किया। तहसीलदार राकेश सस्तिया, टीआई एस.सी. शर्मा पहुंचे। इन्हें लोगों ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई का आवेदन दिया।  पीएम हुआ। इसके बाद शव परिजन को सौंपा लेकिन वंशु के पिता जितेंद्र मीणा बोरवेल मशीन चलाने महाराष्ट्र गए हैं। उनके आने के बाद शुक्रवार को अंतिम संस्कार होगा। 
अस्पताल इंचार्ज डॉ. प्रकाश उपाध्याय ने कहा डॉ. अरुण गुप्ता की ड्यूटी थी। वे समय पर नहीं आए, ये लापरवाही है। सीएमएचओ को अवगत करवाया है। ड्यूटी डॉक्टर गुप्ता ने कहा मुझे महिला अस्पताल में भर्ती मरीज ने इमरजेंसी में मुझे बुला लिया। चूंकि मैं प्रसूति रोग विशेषज्ञ हूं तो उसे देखना जरूरी था। इसलिए लेट हो गया, खुद इंचार्ज भी तो अस्पताल नहीं पहुंचे। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे ने कहा इंचार्ज व ड्यूटी डॉक्टर दोनों को नोटिस भेजे हैं। स्पष्टीकरण लेंगे और व्यवस्था नहीं सुधरी तो हटाएंगे।