Oct 24, 2025
मध्य प्रदेश में चीतों का नया ठिकाना: नौरादेही बनेगा तीसरा घर
मध्य प्रदेश में चीता पुनर्वास कार्यक्रम को नई गति मिली है। केंद्र सरकार ने नौरादेही अभयारण्य को चीतों का नया आशियाना बनाने की मंजूरी दे दी है। इसके लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने 4 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की है। कूनो और गांधी सागर के बाद नौरादेही प्रदेश का तीसरा चीता अभयारण्य होगा। चीतों को राजस्थान या गुजरात भेजने की योजना रद्द कर अब इन्हें मध्य प्रदेश में ही बसाया जाएगा।
नौरादेही में तैयारियां
नौरादेही, जो सागर और दमोह जिलों में 2339 वर्ग किमी में फैला है, चीतों के लिए आदर्श माना गया है। एनटीसीए के फंड से यहां चार क्वारेंटाइन बोमा, एक सॉफ्ट रिलीज बोमा और फेंसिंग जैसे बुनियादी ढांचे तैयार होंगे। जल्द ही 3 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त भी मिलेगी। सिंघपुर, मोहली और झापा रेंज को चीतों के लिए उपयुक्त चुना गया है, जहां 13 गांवों का पुनर्वास होगा। 30 किमी क्षेत्र में बाड़बंदी की जाएगी। एनटीसीए की टीम जल्द इन क्षेत्रों का निरीक्षण करेगी।
चीतों का भविष्य
2022 में नामीबिया और 2023 में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 चीतों ने कूनो में 26 शावकों को जन्म दिया, जिनमें 19 जीवित हैं। 2026 में अफ्रीका से नई खेप या कूनो के शावकों को नौरादेही में बसाया जा सकता है। यह कदम मध्य प्रदेश को चीता संरक्षण का केंद्र बनाएगा।








