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MP : चीते बाड़े के अंदर , जंगल में जाने का कर रहे है इतंजार , पर्यटकों की भी कमी , जानिए कैसा चल है भारत का 'चीता प्रोजेक्ट'

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Sep 18, 2024

Kuno National Park : मध्यप्रदेश का कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park)  कुछ वक्त पहले भयंकर चर्चा में आ गया था. इसका कारण था भारत में एक बार फिर चीतों के कदमों की आहट होना. इस प्रोजेक्ट का मोटिव था की एक बार फिर से चीते भारत के जंगलों में देखे जाये. चीतों की पुनर्स्थापना हो , यही चीते प्रजेक्ट की नीव थी. सरकार ने भी जमकर प्रचार-प्रसार कर चीतों को भारत में लाया. एक बड़े इवेंट की तरह चीते भारत में आए.

 सालाना चीते प्रोजेक्ट में क्या उतार-चड़ाव आये इसे लेकर एक सालाना संचालन योजना बनी है. इस योजना की रिपोर्ट की माने तो अभी तक चीतों को जंगल में नहीं छोड़ा गया है. चीते अभी भी कूनो के बड़े बाड़े में ही बंद है और जंगल में जाने का इंतजार कर रहे है. अभी कुल 24 चीतों को बाड़े में रखा गया है. जिनमें 12 एडल्ट चीते है और 12 शावक है. 2023 में ही कूनो प्रशासन ने एक बड़ा बाड़ा बनाया था. जिसमे कुछ 30 लाख रुपय का खर्च आया था. फिलहाल चीते इसे बाड़े में है.     

 अभी कूनो नेशनल पार्क में पर्यटकों का आना-जाना कितना चल रहा है ? 

कूनो नेशनल पार्क की चीता परियोजना ने दो साल पूरे कर लिए हैं, यह एक उतार-चढ़ाव भरा सफर रहा है. नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 वयस्क चीतों में से आठ की मौत हो चुकी है. कूनो में पैदा हुए 17 शावकों में से पांच अब नहीं रहे. शेष 12 चीते बाड़ों के अंदर हैं, जो जंगल में छोड़े जाने का इंतजार कर रहे हैं. जब चीता परियोजना शुरू हुई, तो कई लोगों ने सोचा कि कूनो में पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 2022-23 में कुल 1,459 पर्यटक कूनो नेशनल पार्क आए, जबकि 2023-24 में 3,172 पर्यटक आए. पर्यटकों की कम संख्या का कारण यह है कि चीते बाड़ों के अंदर ही है और लोगों की नज़रों से दूर है.

Report By:
Devashish Upadhyay.