Sep 14, 2024
प्रस्तावित फ्लाईओवर में विजय नगर और रेडिसन स्क्वायर भी शामिल; राजवाड़ा पर ई-रिक्शा का चलन कम किया जाएगा.
बीआरटीएस कॉरिडोर पर एलिवेटेड कॉरिडोर की जगह पर पर उपयुक्त चौराहों पर फ्लाईओवर बनाने के मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्णय के अनुसार, जिला प्रशासन ने प्रस्तावित फ्लाईओवर के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) का मसौदा तैयार करने का निर्णय लिया है. इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. इन प्रस्तावित फ्लाईओवरों में विजय नगर और रेडिसन चौराहा भी शामिल हैं.
खासकर राजवाड़ा पर ई-रिक्शा संचालन के घनत्व को कम करने के लिए एक उप समिति का गठन किया गया है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समिति के सुझावों के आधार पर विभिन्न उपाय लागू किये जायेंगे. फुटपाथों पर अतिक्रमण की निगरानी के लिए एक बीट सिस्टम भी विकसित किया जाएगा.
कलेक्टर आशीष सिंह ने शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक लेकर इन उपायों की जानकारी दी. बैठक में विषय विशेषज्ञ, विभिन्न संगठन, जिला प्रशासन, इंदौर नगर निगम (आईएमसी), आईडीए, यातायात पुलिस और अन्य संबंधित विभाग शामिल थे. व्यापक विचार-विमर्श और सुझावों के बाद यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने और इसे सुचारू एवं अधिक कुशल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.
कलेक्टर सिंह ने यह भी बताया कि इस योजना में विजय नगर और रेडिसन चौराहे के फ्लाईओवर को भी शामिल किया गया है. इनके निर्माण को लेकर जल्द ही फिजिबिलिटी सर्वे कराया जाएगा.
अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए बीट सिस्टम
कलेक्टर सिंह ने कहा कि यातायात नियमों की पालना सुनिश्चित करने के लिए बीटवार व्यवस्था शुरू की जाएगी. इस प्रणाली के तहत प्रत्येक बीट के लिए टीमों का गठन किया जाएगा और टीमों के नियंत्रण और निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे. इन टीमों में ट्रैफिक पुलिस, आईएमसी, एनजीओ आदि के सदस्य शामिल होंगे. यातायात से संबंधित बुनियादी ढांचे की योजना और विकास की निगरानी के लिए एक एकीकृत प्रशासनिक संरचना भी विकसित की जाएगी.
राजवाड़ा पर ई-रिक्शा का विनियमन
बैठक में विशेषकर राजवाड़ा पर ई-रिक्शा परिचालन को और अधिक व्यवस्थित बनाने पर सुझाव देने के लिए एक उप समिति गठित करने का निर्णय लिया गया. यह उपसमिति एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. पार्किंग व्यवस्था, एकीकृत स्टॉप और रोपवे केबल कार के लिए व्यवहार्यता सर्वेक्षण के संबंध में भी चर्चा हुई.