Apr 7, 2018
ग्वालियर पुलिस ने एक और बड़ा खुलासा किया है, उनके मुताबिक भारत बंद के दौरान 2 अप्रैल को उपद्रव करने और लोगों को इसके लिए उकसाने वाला एक राष्ट्रीयकृत बैंक का सहायक प्रबंधक, चपरासी और नेहरू युवा केंद्र का एक रिटायर्ड कर्मचारी पहली बार बेनकाब हुआ है।
पुलिस के मुताबिक एससी एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में रैली के दौरान जो उपद्रव हुआ उसकी तैयारी एक दिन में नहीं हुई इसके लिए युवाओं को सबसे ज्यादा भड़काया गया। नेहरु युवा केन्द्र के रिटायर्ड कर्मचारी ने केन्द्र के एससी, एसटी वर्ग के छात्रों से यह बोलकर उन्हें गुमराह किया था कि देश में आरक्षण खत्म कर दिया गया है। अभी विरोध नहीं किया तो तुम लोगों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। साथ ही उपद्रव करने वालों में एसबीआई का सहायक प्रबंधक राजेन्द्र राजे भी शामिल था।
पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। उससे जब पुलिस ने पूछताछ की तब उसने पेशा छिपाने का प्रयास किया। लेकिन घरवालों के पहुंचने पर पुलिस को पता लगा। राजेन्द्र राजे एसबीआई की ट्रांसपोर्ट नगर ब्रांच में सहायक प्रबंधक के पद पर पदस्थ है। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। उपद्रव के दिन वह बिना बताए बैंक से गायब था। थाटीपुर थाना पुलिस ने सहायक प्रबंधक की भूमिका के बारे में अन्य आरोपियों से पूछताछ की गई। इसमें उसके द्वारा फंडिंग करने की भी जानकारी सामने आ रही है। पुलिस ने बताया कि उपद्रव से पहले दो बार मीटिंग में वह शामिल हुआ। जहां पूरी स्क्रिप्ट लिखी गई। अब पुलिस उस मीटिंग में शामिल लोगों की जानकारी खंगाल रही है।








