Sep 1, 2021
गणेशोत्सव को लेकर प्रशासन ने अभी तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं की। गणेश मंडलों के सदस्य असमंजस की स्थिति में हैं। पिछले वर्ष लाक डाऊन होने से सार्वजनिक तौर पर गणेश प्रतिमाओं की स्थापना नहीं हुई थी। इस वर्ष लाकडाऊन नहीं होने से गणेश प्रतिमाओं की स्थापना सार्वजनिक तौर पर की जाएगी या सार्वजनिक तौर पर मंच पंडाल आदि बनाकर आयोजन किए जा सकेंगे इसकी जानकारी गणेश मंडलों को नहीं दी गई है। नगर में लगभग आधा दर्जन से अधिक बड़े गणेश मंडल हैं जो प्रतिवर्ष धूमधाम से गणेश प्रतिमा की स्थापना करते हैं।
असमंजस की बनी हुई है स्थिति
पिछले वर्ष गणेश स्थापना औपचारिक तौर पर की गई थी लेकिन इस वर्ष लाकडाऊन नहीं होने से सदस्यों द्वारा स्थापना की रूपरेखा तो बना ली गई है लेकिन जब तक प्रशासन के कोई निर्देश नहीं मिलते तब तक इसे मूर्त रूप नहीं दिया जा सकता है। गांधी चौक गणेश उत्सव मंडल के सुमीत शिवहरे सहित अन्य सदस्यों ने बताया कि गणेश स्थापना को मात्र कुछ दी दिन शेष बचे हैं लेकिन अभी तक प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की स्थापना के संबन्ध में गाइड लाइन जारी नहीं की गई है जिससे असमंजस की स्थिति बनी हुई है। उन्होने बताया कि नगर में भुजरिया पर्व पर अखाड़े एवं मोहर्रम पर सवारियां निकलने से यह बात तो स्पष्ट है कि आयोजन हो रहे हैं लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों को गणेश मंडलों को नई गाइड लाइन से अवगत कराया जाना चाहिए ताकि उसी के अनुसार लोग गणेश स्थापना की तैयारियां कर सकें।
जल्द जारी होगी गाइडलाइन
गणेश मंडलों के सदस्यों ने बताया कि प्रशासन द्वारा गणेश स्थापना के लिए कोई गाइड लाइन जारी नहीं करने से अभी तक टेंट एवं प्रकाश व्यवस्था की बुकिंग नहीं की जा सकी है। सदस्यों के अनुसार टेंट एवं लाईटिंग पहले से बुक करना पड़ता है अन्यथा ऐन वक्त पर समस्या खड़ी हो जाती है। फिलहाल गणेश स्थापना को मात्र कुछ ही दिन शेष है एैसी स्थिति में प्रशासन द्वारा तत्परता से इसके दिशा निर्देश दिए जाने चाहिए ताकि गणेश मंडलों में स्थापना के लिए व्यवस्थाएं पूरी की जा सके।
गणेश प्रतिमाओं का निर्माण अंतिम चरण में
विगत कुछ वर्षो से प्रशासन द्वारा पीओपी की प्रतिमाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है लेकिन इस वर्ष प्रशासनिक उदासीनता के कारण मूर्तिकारों के यहां बनने वाली प्रतिमाओं की जांच भी नहीं हुई है। एैसी स्थिति में मूर्तिकारों के पास बड़ी संख्या में प्रतिमाओं का निर्माण हो चुका है जो अब अंतिम चरण मे है। प्रतिवर्ष प्रशासन द्वारा अंतिम चरण में प्रतिमाओं की जांच की जाती है ऐसी स्थिति में मूर्तिकारों को आर्थिक क्षति होती है।
गणेश स्थापना को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं हैं। उच्चाधिकारियों से जानकारी लेकर मंडलों को इसकी सूचना दी जाएगी।