Dec 13, 2025
मंडला की अनोखी अजगर दादर: सर्दियों में सैकड़ों पायथन का धूप सेंकना, प्रकृति का दुर्लभ नजारा
अमित चौरसिया मंडला। मध्य प्रदेश के मंडला जिले में स्थित अजगर दादर एक अनोखा प्राकृतिक स्थल है, जहां सर्दियों में सैकड़ों इंडियन रॉक पायथन एक साथ चट्टानों पर धूप सेंकते नजर आते हैं। कान्हा नेशनल पार्क से मात्र 30 किलोमीटर दूर यह जगह दुनिया में दुर्लभ है। पथरीली चट्टानें, गहरी दरारें और खोखले इलाके के कारण अजगरों का यहां बड़ा जमावड़ा होता है। चूहों की प्रचुरता उन्हें भरपूर भोजन मुहैया कराती है। वन विभाग के अनुसार, ठंड में तापमान नियंत्रित करने बाहर निकलते हैं ये अजगर। पर्यटक दूर-दूर से इस रोमांचक दृश्य के लिए पहुंचते हैं।
अजगरों का प्राकृतिक स्वर्ग
अजगर दादर का नाम ही यहां रहने वाले अजगरों से पड़ा है। डोलोमाइट चट्टानों वाली यह जगह नीचे से खोखली है, जहां दरारों में अजगर सुरक्षित रहते हैं। सर्दियों में सुबह की हल्की धूप में 5-6 अजगर एक साथ दिखना आम है। वन अधिकारी लतिका तिवारी बताती हैं कि संख्या हजारों तक हो सकती है, लेकिन सटीक गिनती मुश्किल है।
सर्दियों का विशेष आकर्षण
ठंड बढ़ते ही अजगर बिलों से बाहर निकलते हैं और चट्टानों पर फैलकर शरीर गर्म करते हैं। नवंबर से फरवरी तक का समय सबसे उपयुक्त है। एक जगह पर दर्जनों पायथन का सामूहिक दीदार पर्यटकों को रोमांचित कर देता है। यह प्राकृतिक घटना प्रकृति प्रेमियों के लिए अनमोल है।
पर्यटन की बढ़ती लोकप्रियता
अजगर दादर अब मंडला का प्रमुख पर्यटन स्थल बन रहा है। कान्हा पार्क घूमने आने वाले पर्यटक यहां जरूर रुकते हैं। दूर-दराज से लोग इस अनोखे नजारे के लिए आते हैं। वन विभाग इको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रहा है, ताकि पर्यावरण संरक्षण भी बना रहे।
संरक्षण की जरूरत
यह क्षेत्र वन्यजीवों का अनमोल खजाना है। संतुलित पर्यावरण और जंगल की शांति अजगरों को अनुकूल माहौल देती है। वन विभाग निगरानी रखता है, ताकि पर्यटन से वन्यजीवों को नुकसान न हो।
भविष्य का पर्यटन हब
सही संरक्षण और विकास से अजगर दादर देश-विदेश के पर्यटकों का बड़ा केंद्र बन सकता है। प्रकृति के इस चमत्कार ने मंडला को वाइल्डलाइफ मैप पर नई पहचान दी है।







