Loading...
अभी-अभी:

उत्तराखंड में हुई नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ती: दो हफ्तों में पार्टी ले सकती है अहम फैसला

image

Jul 31, 2022

उत्तराखंड में भाजपा ने अपना नया प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया है। BJP ने मदन कौशिक के बाद अब महेंद्र भट्ट को प्रदेश की कमान सौंपी है। प्रदेश अध्यक्ष बदलने के बाद अब मंत्रिमंडल में विस्तार की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। अब सवाल यह है कि अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद वरिष्ठ नेता मदन कौशिक को भाजपा कौन सी जिम्मेदारी देने वाली है। बता दें धामी मंत्रिमंडल में मंत्रियों के तीन पद खाली हैं। 

2021 में जब पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह माना जा रहा था कि कौशिक को प्रदेश संगठन की जिम्मेदारी से मुक्त कर उन्हें सरकार में जगह दी जाएगी, लेकिन केंद्र सरकार ने कौशिक को संगठन में बनाए रखा और नए चेहरों को कैबिनेट में जगह दी।


महेंद्र भट्ट का सियासी सफर
प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहें महेंद्र भट्ट ने साल 1991 से 1996 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रदेश सह मंत्री, जिला संयोजक, जिला संगठन मंत्री, विभाग संगठन मंत्री का दायित्व संभाला था। वहीं 1997 में महेंद्र भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश सह मंत्री भी रहे। जिसके बाद उन्हें साल 2000 में प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री को रूप में पहचान मिली। महज 32 साल की उम्र में महेंद्र ने 2002 से 2007 तक उत्तराखंड की प्रथम इलेक्शन में नंदप्रयाग विधानसभा चुनाव जीतकर  विधानमंडल में मुख्य सचेतक का दायित्व भी संभाला। इसके बाद से ही महेंद्र ने अपना नाम कम उम्र में सबसे ज्यादा जिम्मेदारी निभाने वाले नेताओं की लिस्ट में शामिल कर लिया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में भट्ट बदरीनाथ विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बने। इसके अलावा राम जन्मभूमि आंदोलन के चलते महेंद्र को 15 दिन जेल में भी रात गुजारनी पड़ी थी।


विवादित बयान के लिए भी फेमस है महेंद्र
महेंद्र ने साल 2020 में विवादित बयान  देते हुए कहा था कि लोगों को उन दुकानों में बाल कटवाने नहीं जाना चाहिए जहां हनुमान चालिसा न बजती हो। इस बयान के बाद जहां एक पक्ष महेंद्र को सपोर्ट करती नजर आ रही थी, वहीं दूसरी तरफ कई लोगों ने उनकी आलोचना भी की।

दो हफ्तों में पार्टी ले सकती है अहम फैसले
महेंद्र भट्ट को मंत्री बनाए जाने की बात को लेकर चर्चा जोरों शोरो से हो रही हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि कौशिक के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद पार्टी के सामने अभी हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की चुनौती भी है। ऐसे में संगठन और सरकार पर हरिद्वार जिले को महत्व दिए जाने का दबाव भी है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि कौशिक को यदि मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली तो उन्हें केंद्रीय संगठन में जगह दी जा सकती हैं। हालांकि यह बात पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर भी कही जा रही थी, लेकिन अभी तक उन्हें संगठन में कोई अहम जिम्मेदारी नहीं दी गई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अगले एक-दो हफ्तों में पार्टी कौशिक के पोलिटिकल फ्यूचर को लेकर निर्णय ले सकती है। माना जा रहा कि संगठन और सरकार में 15 अगस्त तक कुछ अहम फैसले लिए जा सकते हैं।