Apr 30, 2024
AstraZeneca Vaccine: कोरोना की दवा बनाने वाली ब्रिटिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पहली बार माना है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन गंभीर दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है। कंपनी ने यूनाइटेड किंगडम (यूके) हाई कोर्ट में स्वीकार किया कि कोविड-19 वैक्सीन थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) जैसे दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है।
कार्डियक अरेस्ट की संभावना
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के कारण शरीर में खून का थक्का बनने लगता है और शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगते हैं। शरीर में खून के थक्के बनने से ब्रेन स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट की संभावना बढ़ जाती है।
कंपनी ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा
कंपनी ने इस साल फरवरी में यूके हाई कोर्ट में वैक्सीन से साइड इफेक्ट के आरोपों को स्वीकार किया था. लेकिन साथ ही कंपनी ने वैक्सीन के पक्ष में अपनी दलीलें भी पेश कीं. गौरतलब है कि कंपनी दुनिया भर में इस वैक्सीन को कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया नाम से बेचती है।
एस्ट्राजेनेका ने यूके हाई कोर्ट से क्या कहा?
जेमी स्कॉट नाम के एक ब्रिटिश शख्स ने एस्ट्राजेनेका के खिलाफ केस दर्ज कराया है. स्कॉट का मानना है कि कंपनी की कोरोना वैक्सीन के कारण वह थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम से पीड़ित हैं। और वह (स्केट) मस्तिष्क क्षति का शिकार था.
कोर्ट में मुआवजे की मांग की
कोर्ट पहुंचे जेमी स्कॉट ने कंपनी से शारीरिक नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की है. अब ब्रिटेन ने सुरक्षा कारणों से इस वैक्सीन पर रोक लगा दी है. कंपनी की इस स्वीकारोक्ति के बाद मुआवजा मांगने वालों की संख्या भी बढ़ सकती है।
कंपनी ने दावे का विरोध किया
हालांकि, वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट्स को स्वीकार करने के बाद भी कंपनी इससे होने वाली बीमारियों या गंभीर प्रभावों के दावों का विरोध कर रही है। गौरतलब है कि कोविशील्ड को भारत के पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सहयोग से एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित किया गया था।
अब सबकी निगाहें इसी पर होंगी
कोरोना के बाद से देशभर में लोगों की अचानक मौत होना आम बात हो गई है. ऐसे में कोरोना वैक्सीन को संदेह की दृष्टि से देखा जाने लगा। लेकिन अब एस्ट्राजेनेका के इस कबूलनामे के बाद कोर्ट में अगली कार्रवाई क्या होगी? इस पर सबकी निगाहें रहेंगी.