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राजनाथः जिन्होंने एक कुशल प्रशासक के रूप बनाई अपनी पहचान

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Jul 10, 2019

बनारस के पास चंदौली जिले में जन्‍मे राजनाथ एक कुशल प्रशासक के रूप में जाने जाते रहे हैं। यूपी में शिक्षा मंत्री के तौर पर किए गए कामों को लेकर आज भी राजनाथ सिंह का फैसला काबिल-ए-तारीफ है। पिछली मोदी सरकार में गृहमंत्री और इस मोदी सरकार में देश के रक्षा मंत्री का पद संभाल रहे राजनाथ सिंह के लिए आज का दिन काफी ख़ास हैं। आज ही के दिन उनका जन्म 1951 में हुआ था। देशभर से उन्हें उनके जन्मदिन पर बधाईयां मिल रही हैं।

अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने से पहले कॉलेज के प्रोफेसर रह चुके राजनाथ सिंह बीजेपी के दूसरी बाद अध्‍यक्ष नियुक्‍त हुए। पार्टी में राजनाथ सिंह के कद का पता इस बात से चलता है कि इससे पहले यह उप‍लब्धि केवल अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्‍ण आडवाणी के पास ही था। राजनाथ सिंह अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के बाद पार्टी के तीसरे ऐसे नेता हैं जिन्हें दूसरी बार बीजेपी अध्यक्ष बनने का मौका मिला है।

जब पिटाई करने वाले मौलवी साहब ने फूलों की माला पहनाई

राजनाथ सिंह द्वारा एक बार अपने बचपन के बारे में मजेदार किस्सा बताया गया था। लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में अपने बचपन के बारे में बात करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा था कि कि जब वे प्राइमरी स्कूल में थे, तो उनके स्कूल में एक मौलवी पीटी (शारीरिक शिक्षा) टीचर हुआ करते थे और कोई भी स्टूडेंट्स जब पीटी के दौरान शरारत करता हुआ पाया जाता था, तो मौलवी जोरदार थप्पड़ लगा देते थे और कभी-कभी वे छड़ी से भी बच्चों को पीटते थे। मौलवी की छड़ी का सबमें खौफ था।

यूपी का शिक्षा मंत्री बनने के बाद एक बार वे एक काफिले के साथ अपने घर की ओर जा रहे थे और उन्होंने देखा कि चंदौली के पास सड़क किनारे एक 90 साल का बुजुर्ग हाथों में फूल-माला लिए हुए खड़ा है। राजनाथ उन्हें तुरंत पहचान गए, कि ये वही मौलवी हैं। राजनाथ ने अपनी गाड़ी रुकवाई। इसके बाद मौलवी ने बड़े प्यार से उनके गले में माला पहनाई और राजनाथ सिंह द्वारा उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया गया। इस दौरान राजनाथ को देखकर मौलवी की आंखों से आंसुओं की धारा फूट पड़ी थी, जबकि राजनाथ सिंह खुद भी काफी इमोशनल हो गए थे।