Mar 21, 2018
राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू बुधवार को लगातार जारी हंगामे से परेशान दिखाई दिए वहीं लोकसभा में भी सत्र के पिछले 13 दिनों जैसा ही दृश्य था और कुछ मिनटों की कार्यवाही में ही सदन पूरे दिन के लिए स्थगित हो गया। सरकार और विपक्ष के बीच आंध्र को विशेष दर्जे समेत कई मुद्दों को लेकर जारी मतभेद से इस बार संसद का सत्र बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। बुधवार को भी दोनों सदनों में कोई कामकाज नहीं हो सका। लोकसभा में हंगामे के चलते अविश्वास प्रस्ताव भी पेश नहीं हो सका।
तेलंगाना में आरक्षण से जुड़े मुद्दे पर तेलंगाना राष्ट्र समिति के और कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर अन्नाद्रमुक के भारी हंगामे की वजह से बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
बजट सत्र के दूसरे चरण में गत दो सप्ताह की कार्यवाही हंगामे की वजह से बाधित रहने के बाद तीसरे सप्ताह में भी कोई कामकाज नहीं हो पा रहा है और बुधवार को लगातार 13 वें दिन भी प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया। लोकसभा की कार्यवाही बुधवार सुबह जैसे ही आरंभ हुई तो अन्नाद्रमुक और टीआरएस के सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गए।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया लेकिन हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी। अन्नाद्रमुक और टीआरएस के सदस्य ‘वी वांट जस्टिस’ के नारे लगा रहे थे।
टीआरएस के सदस्यों ने ‘एक राष्ट्र, एक नीति’ की मांग वाली तख्तियां ले रखी थीं। बजट सत्र के दूसरे चरण में पांच मार्च को आरंभ होने के बाद से लोकसभा की कार्यवाही पीएनबी धोखाधड़ी मामले, आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग और तेलंगाना में आरक्षण के मुद्दे सहित कई विषयों पर लगभग रोजाना बाधित हो रही है।