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दिल्ली में नवंबर में विधानसभा चुनाव असंभव, इन तीन वजहों से पूरी नहीं होगी AAP की मांग!

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Sep 17, 2024

Kejriwal Resignation News :  मौजूदा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म हो जाएगा. इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दो दिन पहले पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर अपने इस्तीफे का ऐलान किया और कहा कि मैं सीएम पद पर तभी बैठूंगा जब जनता मुझे जीत दिलाएगी. इसलिए आज केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे.

इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग से मांग की कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ-साथ दिल्ली में भी विधानसभा चुनाव कराए जाएं. हालाँकि, केजरीवाल की इस मांग को लागू करना बहुत मुश्किल है.  उसके ठोस कारण हैं. 

इस कारण नवंबर में चुनाव नहीं हो सकेंगे

दिल्ली की चुनावी सूची अभी तैयार नहीं है

चुनाव कराने के लिए मतदाता सूची की आवश्यकता होती है.  लेकिन दिल्ली की मतदाता सूची अभी तैयार नहीं है. इसे तैयार करने में कम से कम दो महीने का समय लगता है. महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने इन राज्यों में मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया 25 जून से शुरू कर दी थी. मतदाता सूची का अंतिम डेटा 20 अगस्त को प्रकाशित किया गया था.  साथ ही हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान मतदाता सूची तैयार होने के बाद ही कर दिया गया था.

देशभर में वोटर लिस्ट को अपडेट करने की प्रक्रिया 20 अगस्त से शुरू हो गई है. जिसमें दिल्ली भी शामिल है. 19 से 28 अक्टूबर के बीच तैयार की गई समेकित ड्राफ्ट रोल 29 अक्टूबर को प्रकाशित की जाएगी और उसके बाद 28 नवंबर तक दावे और आपत्तियां दर्ज की जाएंगी. 

इन सभी दावों और आपत्तियों का 24 दिसंबर तक निपटारा कर 6 जनवरी 2025 तक अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया जाएगा. इसलिए कहा जा सकता है कि वोटर लिस्ट तैयार होने में तीन महीने का वक्त लगेगा. यही वजह है कि दिल्ली में नवंबर महीने में चुनाव होना मुश्किल लग रहा है.

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विधानसभा की अवधि

दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म हो जाएगा. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 15 के तहत, चुनाव आयोग राज्य विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से छह महीने पहले चुनाव की घोषणा कर सकता है.

समय से पहले चुनाव कराने के लिए दिल्ली सरकार को विधानसभा भंग करने की सिफारिश करनी होगी. इसके बाद उपराज्यपाल विधानसभा को भंग कर देंगे, लेकिन दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच मतभेद के कारण इसकी संभावना बहुत कम है कि उपराज्यपाल विधानसभा भंग करने के प्रस्ताव को मंजूरी देंगे.

कारण बताना भी जरूरी है

इसके अलावा दिल्ली सरकार को चुनाव आयोग को यह भी कारण बताना होगा कि दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने से 5 महीने पहले चुनाव क्यों कराया जाना चाहिए.  साथ ही चुनाव आयोग इस पर तभी विचार कर सकता है जब कारण मजबूत हो.

Report By:
Devashish Upadhyay.