Jun 17, 2025
इजरायल-ईरान जंग के बीच भारत की बड़ी एडवाइजरी, नागरिकों से तुरंत तेहरान छोड़ने को कहा
ईरान और इजरायल के बीच भड़कती जंग अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुकी है। पांचवें दिन भी दोनों देशों के बीच मिसाइल और ड्रोन हमले जारी हैं, जिसके चलते सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। इस बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने ईरान में रह रहे अपने नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है, जिसमें तुरंत तेहरान छोड़ने की सलाह दी गई है। भारतीय दूतावास ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, ताकि नागरिक सुरक्षित स्थानों पर जा सकें। इस युद्ध ने मध्य पूर्व में अस्थिरता को बढ़ा दिया है, और वैश्विक शक्तियों की सक्रियता के बावजूद युद्धविराम की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही।
तेहरान में बिगड़ते हालात के बीच भारत की चेतावनी
ईरान और इजरायल के बीच चल रहा युद्ध मंगलवार, 17 जून 2025 को अपने पांचवें दिन में प्रवेश कर चुका है। इजरायल के लगातार हवाई हमलों और ईरान की जवाबी कार्रवाई के कारण तेहरान में स्थिति अत्यंत तनावपूर्ण हो गई है। भारत सरकार ने अपने नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों (PIOs) से तुरंत तेहरान छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। भारतीय दूतावास ने नागरिकों से तत्काल संपर्क करने और अपनी लोकेशन व संपर्क नंबर साझा करने को कहा है। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर +989010144557, +989128109115, और +989128109109 जारी किए गए हैं।
अब तक 224 ईरानी और 24 इजरायली नागरिकों की मौत
युद्ध के इस दौर में अब तक ईरान में 224 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, परमाणु वैज्ञानिक और आम नागरिक शामिल हैं। दूसरी ओर, इजरायल ने दावा किया है कि ईरान के मिसाइल हमलों में उनके 24 नागरिक, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, मारे गए हैं। दोनों देशों के बीच बढ़ती हिंसा ने क्षेत्रीय स्थिरता को गंभीर खतरे में डाल दिया है। इस संघर्ष में नागरिकों की जान को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंच रहा है, जिससे वैश्विक चिंता बढ़ रही है।
इजरायली मिसाइलों ने ईरानी परमाणु ढांचे को नुकसान पहुंचा
याइजरायल ने 13 जून 2025 को 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' के तहत ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले शुरू किए। इन हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया है कि इन हमलों ने ईरान के परमाणु महत्वाकांक्षाओं को "कई साल पीछे धकेल दिया।" ईरान ने इन हमलों का जवाब मिसाइल और ड्रोन हमलों से दिया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।
अमेरिका का इशारा- युद्ध में बढ़ेगी भागीदारी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा में चल रहे G-7 सम्मेलन को बीच में छोड़कर वाशिंगटन लौटने का फैसला किया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर तेहरान के नागरिकों से तुरंत शहर खाली करने की अपील की और कहा कि "ईरान को परमाणु हथियार नहीं मिलने चाहिए।" ट्रंप के बयानों से संकेत मिलता है कि अमेरिका इस संघर्ष में और सक्रिय भूमिका निभा सकता है, जिससे स्थिति और जटिल हो सकती है।
वार्ता ठप, परमाणु समझौता अधर मेंईरान और अमेरिका के बीच चल रही परमाणु समझौते की वार्ता इजरायल के हमलों के बाद पूरी तरह ठप हो गई है। ईरान ने युद्धविराम या किसी भी तरह की कूटनीतिक बातचीत से इनकार कर दिया है। इससे न केवल मध्य पूर्व में अस्थिरता बढ़ रही है, बल्कि वैश्विक कूटनीति पर भी गहरा असर पड़ रहा है। क्षेत्र में शांति स्थापित करने की कोशिशें फिलहाल नाकाम होती दिख रही हैं।