Oct 24, 2025
पीयूष पांडे: विज्ञापन के शहंशाह, जिनकी विरासत अमर रहेगी
विज्ञापन जगत के बेजोड़ सितारे पीयूष पांडे का शुक्रवार को 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया। फेविकोल, कैडबरी और एशियन पेंट्स जैसे आइकॉनिक विज्ञापनों के रचयिता और "मिले सुर मेरा तुम्हारा" जैसे कालजयी गीत के लेखक पांडे ने भारतीय विज्ञापन उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
चार दशकों की रचनात्मक यात्रा
1982 में ओगिल्वी से जुड़कर पांडे ने सनलाइट डिटर्जेंट के लिए पहला विज्ञापन लिखा। इसके बाद फेविकोल, कैडबरी, कोका-कोला और एशियन पेंट्स के लिए "दो बूंद जिंदगी की", "ठंडा मतलब कोका-कोला" और "हर घर कुछ कहता है" जैसी यादगार टैगलाइन्स दीं। उनकी रचनाएं भारतीय संस्कृति और हास्य से सराबोर थीं, जो हर दिल को छू गईं। ओगिल्वी को 12 साल तक नंबर 1 एजेंसी का दर्जा दिलाने में उनकी भूमिका अहम रही। 2016 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
सिनेमा और रचनात्मकता का संगम
पांडे ने "मद्रास कैफे" में अभिनय और "भोपाल एक्सप्रेस" की पटकथा लिखकर अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय दिया। उनका गीत "मिले सुर मेरा तुम्हारा" 90 के दशक में राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बना।
श्रद्धांजलि
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उदय कोटक सहित कई हस्तियों ने पांडे को श्रद्धांजलि दी। उनकी रचनाएं और विरासत हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी।








