Oct 9, 2024
Hariyana Election Result 2024 : हरियाणा विधानसभा चुनावों के नतीजे सबके सामने है. नतीजों में देखा गया की कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. चुनाव से पहले माना जा रहा था की कांग्रेस सरकार बनाने की स्थिति में है. चुनाव से पहले लगभग सभी एग्जिट पोल ने भी कांग्रेस की ही सरकार हरियाणा में बनवाई थी. लेकिन जो नतीजे आये उसने सबको एक बड़ा सरप्राइज दे दिया. कांग्रेस को प्रदेश में बुरी हार मिली और पीछले दस साल से सत्ता में रहने वाली बीजेपी ने रिकॉर्ड बनाते हुए तिसरी बार प्रदेश में सरकार बनाई. इसे ऐतिहासिक इसिलिए भी कहा जा रहा है की क्योंकि हरियाणा में इससे पहले कभी तिसरी बार किसी पार्टी ने सरकार को रिपीट नहीं किया है. हरियाणा के चुनावी नतीजों में शुरुवात में ऐसा लगा की कांग्रेस कुछ सीटों पर आगे है और अगर यहीं बढ़त बनी रही तो कांग्रेस आराम से सरकार बनाने जा रही है. लेकिन जैसे ही कुछ वक्त गुजरा बीजेपी का वक्त एक बार फिर हरियाणा में आ गया. बीजेपी ने रुझानों में ऐसी बढ़त बनाई की रिकॉर्ड ही बना दिया. आखिर तक कांग्रेस को समझ ही नहीं आया की कहां गलती हो गई. शाम तक पूरी तस्वीर साफ हो गई और हरियाणा से कांग्रेस भी साफ हो गई. फाइनल रिजल्ट में देखा गया की 90 विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज कर हरियाणा में तिसरी बार सरकार बनाने का रास्ता साफ कर लिया तो वहीं कांग्रेस 37 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद रुक गई. इस बार बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला और अब बीजेपी को सरकार बनाने के लिए किसी अन्य दल की भी कोई जरुरत नहीं रहने वाली. शाम होते ही बीजेपी के कार्यकर्ता खुशी से झूम उठे. मिठाईयों का सिलसिला भी चालू हो गया. बीजेपी के नेताओं के चेहरे बिलकुल खिल से गये. मुस्कुराती हुई तस्वीर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की भी बहार आई तो वहीं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी लड्डू खाते हुए दिखे. चुनाव से कुछ वक्त पहले ही मनोहर लाल की जगह बीजेपी ने नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया था. इसके बाद मनोहर लाल ने लोकसभा का चुनाव लड़ उसे जीता थी. इसके बाद वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट का हिस्सा बन गये थे. मनोहर लाल के केंद्र में मंत्री बनने के बाद से ही हरियाणा की कमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के हाथो में थी.
कांग्रेस से कहां गलती हुई ?
कांग्रेस शुरुवात से माहौल बनाती रही की हरियाणा में बीजेपी के खिलाफ किसान , जवान और पहलवान है. कांग्रेस हरियाणा में अपनी जीत को लेकर इतने आत्मविश्वास से भरी हुई थी की चुनाव के नतीजे आने के बाद भी पार्टी की ओर से कहा गया की ये तंत्र की जीत है और लोकतंत्र की हार है. रुझानों के बीच पार्टी के नेताओं ने आरोप भी लगा ही दिया कि इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर आंकड़े बहुत धीमी गति से अपलोड किये जा रहे है. इससे समझा जा सकता है की बीजेपी की इस जीत से कांग्रेस का दिल किस हद तक टूटा है. लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद इतने कम समय के अंदर ही एक बार फिर से कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई. अब आगे महाराष्ट्र , दिल्ली और झारखंड में भी विधानसभा के चुनाव होने है. इन चुनावों पर हरियाणा विधानसभा चुनावों का कितना असर पड़ेगा इस पर भी बातें शुरु हो गई है. दिल्ली की बात करे तो अब प्रदेश स्तर पर कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी गठबंधन नहीं करने वाली है. आम आदमी पार्टी का कहना है की अब दिल्ली में वो अकेली ही आने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है. हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन ही नहीं हो पाया था. अब इसी बात को लेकर आम आदमी पार्टी कांग्रेस पर तंज कस रही है. वहीं हरियाणा में कांग्रेस जैसे ही चुनाव हारी उसके गठबंधन के साथी भी कांग्रेस को सलाह देने से नहीं चूक रहे है. महाराष्ट्र में उध्दव ठाकरे गुट की शिवसेना ने भी साफ तौर पर कह दिया है की कांग्रेस बीजेपी के खिलाफ सीधी लड़ाई में कमजोर पड़ जाती है.