Jul 25, 2022
उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को राज्य में बिजली की नई दरों की घोषणा की। साथ ही सरकार ने ये भी कहा कि 2022-23 के लिए किसी भी टैरिफ में कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी। यूपी विद्युत नियामक आयोग (यूपीईआरसी) ने घोषणा की, कि राज्य के शहरी क्षेत्रों में घरेलू बीपीएल उपभोक्ता अब 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने के लिए 3 रुपय प्रति यूनिट का भुगतान करेंगे। वहीं ग्रामीण इलाकों की बात करें तो यहां बिजली के रेट शहरों से कम हैं। इसके अलावा घरेलू कनेक्शन का स्लैब भी हटा दिया गया है। सूत्रों की मानें तो अब बिजली उपभोक्ताओं को गवर्मेंट ड्यूटी नहीं देनी होगी, जिससे बिल पर 10% का डिस्काउंट मिलेगा।
शहरी उपभोक्ताओं को राहत
योगी सरकार ने शहरी बिजली ग्राहकों के लिए 7 रुपय प्रति यूनिट अधिकतम स्लैब वापस ले लिया है, और इसे 6.50 रुपय प्रति यूनिट के लिए कैप कर दिया है। यानी अब 500 से ज्यादा यूनिट का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को अब 7 रुपये की जगह 6.5 रुपये देना होगा।
घरेलू बीपिएल ग्राहकों को 100 यूनिट तक इस्तेमाल के लिए अब सिर्फ 3 रुपय यूनिट के हिसाब से बिल जमा करनी होगा। वहीं 100 से 150 यूनिट खर्च के लिए 5.50 रुपय भरने होंगे। इसके अलावा 300 यूनिट के लिए उपभोक्ताओं को 6 रुपय प्रति यूनिॉ के हिसाब से भुगतान करना होगा। 300 यूनिट से ज्यादा की बिजली इस्तेमाल करने वालों को 6.50 रुपय प्रति यूनिट भरना होगा।
गांव में भी बिजली की दरें घटीं
ग्रामीण क्षेत्रों में 100 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल के लिए 3 रुपय पर यूनिट देना होगा। 150 यूनिट तक बिजली खर्च के लिए 3.85 रुपय भरने होंगे, वहीं 300 यूनिट के लिए 5 रुपय प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा। उससे ऊपर 5.50 रुपय प्रति यूनिट का बिल जमा करना होगा।
कमर्शियल कनेक्शन के भी नए नियम
व्यावसायिक कनेक्शन के लिए बिना मीटर वाले कनेक्शन की श्रेणी को हटा दिया गया है। शहरी उपभोक्ताओं के लिए चार किलोवाट (किलोवाट) का फिक्स चार्ज अब 300 रुपये प्रति किलोवाट प्रति माह होने जा रहा है। सरकार प्रवक्ता ने कहा, "ये पहले दो किलोवाट से ज्यादा और चार किलोवाट से कम के लिए हर महीने, 390 रुपए प्रति किलोवाट था।"
11 साल बाद घटे दाम
2022 -23 के सत्र से पहले बिजली की दरों में कटौती 11 साल पहले की गई थी। अब 2022 में एक बार फिर बिजली उपभोक्ताओं को सरकार ने राहत दी है। यूपी सरकार ने कुछ समय पहले ही बिजली बिल कम करने की घोषणा की थी, जिसपर अब अमल किया जा रहा है।








