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UP POLITICS: उत्तर प्रदेश में आठवीं राज्यसभा सीट को लेकर असमंजस, राजा भैया ने खोले अपने पत्ते

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Feb 27, 2024

UP RAJYA SABHA ELECTION: उत्तर प्रदेश में आठवीं राज्यसभा सीट को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. राज्य में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं, लेकिन इनमें से एक सीट की हालत बेहद खराब है। एक तरफ इस सीट पर अखिलेश यादव ताल ठोंक रहे हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी भी कोई मौका नहीं छोड़ने के मूड में है.

यूपी में 10 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव जारी हैं. इनमें से 9 सीटों को लेकर स्थिति साफ है, लेकिन 10वीं सीट को लेकर सस्पेंस बरकरार है. समाजवादी पार्टी के यूपीए गठबंधन से लेकर बीजेपी के एनडीए गठबंधन तक पक्ष और विपक्ष दोनों इस सीट को जीतना चाहते हैं.

देखने वाली बात ये होगी कि ये सीट किसे मिलेगी. चुनावी गहमागहमी के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी एनडीए विधायकों को एक पार्टी में आमंत्रित किया. रात 8 बजे लोकभवन में मुख्यमंत्री के रात्रिभोज में एनडीए के सभी विधायक शामिल हुए. इस बीच राजाभैया ने बीजेपी के साथ जाने का ऐलान कर दिया.

आठवीं सीट को लेकर अटकलें

यूपी में 10 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं. पहले भाजपा को 7 सीटें और समाजवादी पार्टी को 3 सीटें जीतने की उम्मीद थी, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा अपने आठवें उम्मीदवार को मैदान में उतारने और पिछले कुछ दिनों में बदलते राजनीतिक संतुलन के कारण एक सीट के लिए दौड़ दिलचस्प हो गई है।

बीजेपी अभी भी 8 वोटों से पीछे है

403 सदस्यीय यूपी विधानसभा में वर्तमान में सदस्यों की संख्या 399 है। चार सीटें खाली हैं. चूंकि यहां 10 राज्यसभा सीटों पर चुनाव हो रहा है, इसलिए एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 37 प्रथम वरीयता वोटों की आवश्यकता है। यहां बीजेपी के 8 उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए 296 विधायकों के प्रथम वरीयता के वोटों की जरूरत है. बीजेपी, आरएलडी, सुभाभा, अपना दल, निषाद पार्टी, जन सत्ता दल लोखंडरी समेत एनडीए के सभी दलों की ताकत पर नजर डालें तो यह जरूरी संख्या से 8 कम यानी 288 पर पहुंचती है.

इरफान सोलंकी नहीं दे सकते वोट 

वहीं, सपा को अपने तीन उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए 111 विधायकों के प्रथम वरीयता वोटों की जरूरत होगी. एसपी के पास 108 विधायक हैं, जिनमें से एक विधायक इरफान सोलंकी जेल में हैं और वोट नहीं दे सकते. फिलहाल समाजवादी पार्टी की अपनी ताकत सिर्फ 107 विधायकों की है. इस बात पर भी सस्पेंस है कि बीएसपी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए राकेश पांडे ने किसे वोट दिया. अब मान लीजिए कि राकेश पांडे भी सपा के पक्ष में वोट करते हैं तो कांग्रेस के दो विधायकों को मिलाकर सपा 109 तक ही पहुंच पाएगी.

 भाजपा के साथ राजा भैया

ऐसे में राजा भैया की स्थिति अहम थी. राजा भैया ने राज्यसभा चुनाव से जुड़े अपने कार्ड जारी कर दिए हैं. राज्यसभा चुनाव को लेकर राजा भैया ने खोला अपना पत्ता! अगर राजा भैया समेत उनकी पार्टी के दोनों विधायक समाजवादी उम्मीदवार को वोट देते तो पार्टी तीनों सीटें जीत जाती. लेकिन राजाभैया ने बीजेपी के साथ जाने का ऐलान कर दिया है. ऐसे में प्रथम वरीयता के अधिकांश वोट समाजवादी उम्मीदवार के पक्ष में होने के बावजूद मामला दूसरी वरीयता के वोट पर जाएगा, जहां बीजेपी का पड़ला भारी है

Report By:
Author
ASHI SHARMA