Sep 21, 2024
बढ़ते वज़न से काफी लोग परेशान रहते है। ऐसे में वज़न घटाने के लिए स्ट्रिक्ट वर्कआउट के साथ डाइट का बैलेंस रखना भी जरुरी होता है। वेट लॉस(Weight Loss) के लिए इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग (Intermittent Fasting) भी काफी ज्यादा फॉलो की जाती है। इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग एक ऐसा तरीका है जिससे लोग अपने वज़न को कंट्रोल में रखते है। इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग एक फिक्स्ड फॉर्मेट है, जिसमें लोग कुछ समय के लिए खाते हैं और कुछ समय फ़ास्टिंग रखते हैं। इस फॉर्मेट में पूरे दिन में से 8 घंटे खाने के लिए होते हैं तो वहीं 16 घंटे की फ़ास्टिंग यानी उपवास किया जाता है। ऐसे में जो स्ट्रिक्ट डाइट फॉलोवर है, वे लोग 5:2 के फॉर्मेट को फॉलो करते हैं । इस फॉर्मेट में 5 दिन खाना खाते है और 2 दिन फ़ास्टिंग करते है। इसमें पूरी तरह से फास्ट नहीं करते नींबू पानी, नारियल पानी, चाय-कॉफी आदि का सेवन किया जा सकता है।
इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग के लाभ
1इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग से वज़न कम होता है, फ़ास्टिंग से कैलोरीस (Calories)का सेवन कम होता है और मेटाबॉलिज्म(Metabolism) बढ़ता है, जिससे बढ़ते वज़न को असानी से कम करा जा सकता है ।
2ब्लड शुगर लेवल(Blood Sugar Level) को कंट्रोल में रखता है।
3इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग से कोलेस्ट्रॉल(Cholesterol) कम होता है ,जिससे हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है ।
4फ़ास्टिंग से ब्रेन डेरिव्ड न्यूरोट्रॉफ़िक फैक्टर(Brain Derived Neurotrophic Factor) का उत्पादन बढ़ता है,य़ह पदार्थ आपके मस्तिष्क में पाया जाता है । जिससे मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार होता है।
5इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग से व्हाइट ब्लड सेल्स(White Blood Cell) स्ट्रांग होते है।
6इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग से इंसुलिन सेंसिटिविटी(Insulin Sensitivity) में सुधार होता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज़(Type2 Diabetes) का खतरा कम होता है।
इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग के नुकसान
1 इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग सेलंबे समय तक भूखा रहने से शरीर में हॉर्मोन(Hormon) का संतुलन बिगड़ सकता है।
2 फ़ास्टिंग से नींद की गड़बड़ी हो सकती है।
3 इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग से हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
4 साथ ही इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग करने से फैटी लीवर(Fatty Liver) की बीमारियां होने की संभावना भी बढ़ जाती है ।
क्या है टिप्स
इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग को सही तरह से करना चाहिए, ज्यादा एग्रेसिव तरिके से नहीं होना चाहिए। फ़ास्टिंग जैसे तरिके करने से पहले अपने शरीर को अच्छे से समझने की जरुरत होती हैं। अगर तबीयत ठीक नहीं है या कोई समस्या आ रही है तो फ़ास्ट करें।खाने वाले 8 घंटों में सही तरीके से खाएं । व कुछ होने पर डॉक्टर को दिखाएं ।