Jan 19, 2017
रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शहीद स्मारक भवन में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय पंथी नर्तक स्वर्गीय देवदास बंजारे स्मृति सम्मान समारोह में पंथी कलाकारों, लोक गायकों, साहित्यकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के महान समाज सुधारक और सतनाम पंथ के प्रवर्तक गुरू बाबा घासीदास की जन्मस्थली और कर्म स्थली गिरौदपुरी के विशाल जैतखाम पर भारतीय डाक विभाग द्वारा तैयार विशेष आवरण भी जारी किया। डा. रमन सिंह ने समारोह में स्वर्गीय देवदास बंजारे के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति और गुरू बाबा घासीदास के प्रेरक उपदेशों को देश-विदेश में जन-जन तक पहुंचाने में पंथी कलाकारों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंथी नृत्य गुरू बाबा घासीदास का यशगान है। पंथी नर्तकों और कलाकारों पंथी ने नृत्य के माध्यम से गुरू बाबा घासीदास के जीवनदर्शन और संदेश के साथ छत्तीसगढ़ की संस्कृति को देश-दुनिया तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बाबा गुरूघासी दास मनखे-मनखे एक समान का संदेश आज से सैकड़ों वर्ष पहले सरल भाषा में दिया। उन्होंने व्यक्ति, समाज और मानवता कीे चिन्ता की। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने पंथी नृत्य को देश-विदेश में लोकप्रियता दिलाने में योगदान के लिए स्वर्गीय देवदास बंजारे को याद किया। उन्होंने कहा कि पंथी नृत्य के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को हमेशा याद रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के माध्यम से अनुसूचित जाति बहुल गांवों में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के काम कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति बहुल जिन गांवों से जैतखाम निर्माण के लिए लोगों की मांग आएगी, वहां प्राधिकरण की ओर से इसके लिए पंचास हजार रूपए की सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के पंथी नर्तकों को उनकी कला के प्रदर्शन के लिए अन्य राज्यों में भेजा जाएगा और उन राज्यों के लोक कलाकारों को भी छत्तीसगढ़ आमंत्रित किया जाएगा। - डा.रमन सिंह, मुख्यमंत्री