Jan 21, 2017
कांकेर। सरकार अपने विकास योजनाओं को लेकर अपनी पीठ थपथपाने से नहीं थक रही, लेकिन इसकी हकीकत जिले से सुदूर इलाकों में देखने को मिल रही है। जहां गांव और गरीबों के लिए शुरू की गई योजना का कोई अस्तित्व नजर नहीं आता। शासन स्तर से स्वास्थ्य विभाग के लिए तमाम योजनाएं शुरू की गई हैं लेकिन सभी सुविधा फाइलों में दबी पड़ी हैं। बानगी के तौर पर जिले के विकासखण्ड कोयलीबेड़ा ब्लाक में हुई घटना को देखा जा सकता है। दुनिया का सबसे बड़ा संकट तब होता है जब पुत्र का शव पिता के कंधों पर होता है। बुजूर्ग पिता अपने ही पुत्र के शव को ग्रामीणों की मदद से अपने सात किलोमीटर दूर गृहग्राम खाट पर ले जाता दिखा जब उससे इसकी वजह पूछी गई तो उसका कहना था कि उसके पुत्र को टीवी था, जिसके उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया था और आज इलाज के दौरान उसका मौत हो गई।
कोयलीबेड़ा ब्लाक मुख्यालय से लगे ग्राम मर्दा निवासी सुकालू राम ने गुरूवार को अपने पुत्र जानसिंह (32) को तबीयत खराब होने पर गुरूवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार के लिए भर्ती कराया, दूसरे दिन शुक्रवार को इलाज के दौरान ही दोपहर में उसका मौत हो गई। अस्पताल की कार्रवाई के बाद मृतक के पिता अपने ग्राम के कुछ लोगों की मदद से खाट पर शव को रखकर 7 किलोमीटर पैदल ले गए है। उसका कहना था कि किसी तरह मजदूरी कर वह अपने जीवनयापन करते है। किराया के वाहन के लिए भी उनके पास राशि नही थी। अस्पताल में 1099 वाहन की जानकारी डाक्टरों व अस्पताल कर्मी द्वारा नही दिया गया है। ग्रामीणों का कहना था कि शव वाहन क्या होता है इसकी जानकारी उन्हे नही है। वे अब यही चाह रहे है कि किसी तरह शव उनके घर तक पहुंचे तो अंतिम संस्कार किया जा सके। इधर मृतक के पत् नी मनायबाई का आंसू थम ही नही रहा था। ग्रामीणों का कहना था कि उसक ा एक ही पुत्री है।
चालीस बिस्तर वाली सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोयलीबेड़ा में डाक्टर, नर्स सहित अन्य स्टाप की ऐसी कमी है। स्वीकृत पदों से आधा कर्मी इस अस्पताल में अपनी सेवा दे रहे है। सबसे अहम बात यह कि महिला चिकित्सक एक भी नही है। किसी तरह दो डाक्टर व दो नर्सो के भरोसे यह चिकित्सालय संचालित है। अस्पताल में कर्मियों की मांग ग्रामीणों द्वारा कई बार किया गया है, लेकिन अब तक इस ओर कोई पहल नही किया गया है।
-मामले की जानकारी होते ही लापरवाही बरतने वाले मेडिकल आफिसर को निलम्बित कर दिया गया इसके बाद जांच की जाएगी। - शम्मी आबिदी, कलक्टर कांकेर
-इसकी जांच करवाता हूं। दोषी पाए जाने पर सबंधित पर कड़ी कार्रवाई किया जाएगा। - डॉ जे एल उइके , सीएमएचओ कांकेर