Sep 25, 2024
भारत में बढ़ा ऑर्गन डोनेशन, किडनी ट्रांसप्लांट में दिल्ली सबसे आगे
भारत में अंगदान करना महान कार्य माना जाता है. जो किसी जरूरतमंद के जीवन को बचाने के लिए किया जाता है. यह एक ऐसा उपहार है, जिसे किसी व्यक्ति की मत्यु के बाद भी दिया जा सकता है. भारत देश में अंगदान करने की श्रेणी में महिलाएं पुरुषों की तुलना में आगे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के जारी डेटा के अनुसार साल 2023 में 16542 अंगदान हुए, जिसमें अधिक महिलाएं जीवित दाता थीं। साल 2023 में हुए 5651 पुरुषों और 9784 महिलाओं ने अंग दान किए। इसमें दिल्ली किडनी ट्रांसप्लांट सबसे आगे है. बीते 10 साल में अंगदान में करीब चार गुना की बढ़ोतरी हुई है।
कौन कर सकता है अंगदान
अंगदान हर कोई अपनी इच्छा अनुसार कर सकता है. अंगदान करने के लिए कोई आधिकारिक आयु की आवश्यकता नही है, हालांकि कुछ स्थितियों में जैसे एचआईवी, कैंसर या गंभीर बीमारी वाले व्यक्ति अंगदान नही कर सकते. अंगदान की प्रक्रिया की शुरूआत में ट्रांसप्लांट टीम को अपनी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी देना अनिवार्य होता है.
क्या भारत में अंगदान कानून है?
भारत में आर्गन ट्रांसप्लांट और उसके रखरखाव के लिए ट्रांसप्लांटेशन ऑफ ह्यूमन ऑर्गन एंड टिशू एक्ट 1994 में बनाया गया था साथ ही यह कानून मानव अंगों की तस्करी को रोकने के लिए प्रावधान निश्चित करता है. इस कानून के मुताबिक किसी भी व्यक्ति का ब्रेन स्टेम डेड होना उसकी मौत का प्रमाण है, इसके बाद उसके परिवार की सहमति से उसके शरीर के अंग और टिशू डोनेट और ट्रांसप्लांट किए जा सकते हैं.
किन अंगों को दान कर सकते हैं लोग
18 या उससे अधिक उम्र के बाद का जीवित डोनर अपनी एक किडनी या लीवर का केवल एक हिस्सादान कर सकता है. किसी भी उम्र का मृत डोनर शरिर के 8 महत्वपूर्ण अंगों का दान कर सकता है. इनमें किडनी, लीवर, फेफड़े, हार्ट, पैंक्रियाज और छोटी आंत, कॉर्निया, हड्डी,त्वचा और हार्ट वाल्व शामिल हैं.
अंगदान कैसे कर सकते हैं?
अंगदान दो तरीकों से किया जा सकता है.जीवित रहते हुए या मृत्यु के बाद लिवर, किडनी जैसे अंग डोनेट किए जा सकते हैं, लेकिन रिसीवर आपके परिवार का नजदीकी व्यक्ति जैसे माता-पिता, पति-पत्नी, भाई-बहन या कोई डायरेक्ट रिलेटिव ही हो सकता है.
मृत्युपर्यंत ऑर्गन डोनेशन करने के भी दो तरीके हैं। चाहें तो अपनी बॉडी किसी आधिकारिक मेडिकल संस्थान को दान कर सकते हैं या मृत्यु के बाद उस व्यक्ति के करीबी लोग बॉडी डोनेट करने का फैसला ले सकते हैं।