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देख-रेख के अभाव में नष्ट हो गये पौधे

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Jul 15, 2017

मुंगेली : शासन  द्वारा प्रदेश को हरा भरा रखने के मकसद से हरियर छत्तीसगढ़ के नाम पर ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाकर पर्यावरण को शुद्ध करने का अभियान चलाया जा रहा हैं। इस अभियान में सभी लोगों को जोड़कर वन विभाग को ये लक्ष्य दिया गया हैं, लेकिन वन विभाग के द्वारा प्रदेश सरकार के अभियान को सफल बनाने में कितने गंभीर हैं, इसका एक उदाहरण नगर में देखने को मिला। जहां वन विभाग के द्वारा 2 वर्ष पूर्व नगर के कृषि उपज मंडी प्रांगण में एक कार्यक्रम आयोजित कर पौधारोपण किया गया था।

इस कार्यक्रम में प्रदेश के खाद्यमंत्री पुन्नूलाल मोहले सहित जिले के कलेक्टर, अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। सभी ने ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने और उसकी रक्षा करने का सकल्प लिया था। लेकिन 2 साल बाद जिस जगह में ये पौधे लगाए गए थे, वहां एक भी पौधे नहीं बचे हैं। वहां पौधों की जगह सिर्फ नेता और अधिकारियों के नाम का बोर्ड ही नजर आ रहा हैं और पूरे मैदान में घास ही घास दिखाई दे रहा हैं। लाखों रुपए खर्च करके लगाए गए इन पौधों के बारे में आम नागरिकों का कहना हैं कि इसमें सीधे तौर पर वन विभाग की लापरवाही हैं।

पौधों को लगाने के बाद उनको ऐसे ही छोड़ दिया गया। देख-रेख के आभाव में एक भी पौधे जीवित नहीं बचे। इसके लिए जो भी अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं। उनके ऊपर कड़ी कार्यवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं जिले के कलेक्टर पौधारोपण में किये गए लापरवाही के लिए वन विभाग को अकेले जिम्मेदार नहीं मानते। उनका कहना हैं कि अगर पौधा लगाया जाता हैं तो उसकी देखभाल करने की जवाबदारी सब की हैं और वो इस बारे में अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी करेंगे।