Jan 20, 2018
धमतरी। जिंदा हाथी लाख का मरा हाथी सवा लाख ये कहावत इन दिनों धमतरी में चरितार्थ हो रही है। जी हां यहां लाखों की लागत से खरीदी गई स्विपिंग मशीन इन दिनों में कबाड़ में पड़ी है। जबकि इसे सुधारने में अब करीब 20 लाख और लग सकती है। दरअसल निगम बनने के बाद शहर के वाशिंदो ने एक ख्वाब देखा था। कि शहर धूल और गंदगी से कोसों दूर होगा और चारों ओर साफ हवा और स्वच्छ माहौल मिल सके। लोगों को उम्मीद थी कि नगर पालिका अपग्रेड होकर निगम का दर्जा मिलने पर उनके ख्वाब हकीकत मे तब्दील होगें।
लेकिन निगम बनने के बाद लोगो के ख्वाब धरे के धरे रह गए। आलम ये है कि आज शहर में धूल के चलते लोगो का जीना दुस्वार हो गया था। इस बीच निगम ने धूल साफ करने करीब 50 लाख की मशीन की खरीदी की लेकिन यही मशीन निगम प्रशासन के लिए सिरदर्द साबित हो गई।
मौजूदा वक्त में यह मशीन शहर के इंडोर स्टेडियम में धूल खाती पड़ी हुई है। क्योंकि इस मशीन में रोजाना करीब 50 लीटर डीजल की खपत हो रही थी। जिसके एवज में एक घंटे मे 3500 रू का खर्च आता था। जिसको देखते हुए निगम ने इस मशीन को शहर में चलाना बंद कर दिया।वही इसे सुधारने में करीब 20 लाख रू का खर्च होना है। हालांकि निगम प्रशासन शहर में रोजाना साफ सफाई करवाने की दलीले दे रही है। तो वही विपक्ष का कहना है कि मशीन खरीदी को जनता के पैसो का दूरूपयोग करना बता रहे है।