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बड़ी कार्रवाईः वंदना विद्युत लिमिटेड की 603 करोड़ की संपत्ति अटैच

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Mar 28, 2018

रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय ने कोल ब्लॉक आबंटन मामले में बड़ी कार्रवाई की है। कार्रवाई में वंदना विद्युत लिमिटेड के कोरबा स्थित पॉवर प्लांट सहित 603 करोड़ रूपये की संपत्ति अटैच कर दी है।

प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई द्वारा FIR दर्ज करने के बाद 2015 में वंदना विद्युत् लिमिटेड के विरुद्ध मनी लॉन्डरिंग का केस दर्ज कर इन्वेस्टीगेशन शुरू की थी। कम्पनी के डायरेक्टर विनोद अग्रवाल, गोपाल अग्रवाल और अधिकारी अम्बरीश गुप्ता ने कोयला ब्लॉक आबंटन प्राप्त करने के लिए तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया और धोखाधड़ी से छत्तीसगढ़ के फतेहपुर में कोल ब्लॉक को प्राप्त किया।

बड़ा फर्जीवाड़ा आया सामने...

ईडी द्वारा की गई जांच में वंदना विद्युत् लिमिटेड का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। ग्रुप के निदेशक  विनोद अग्रवाल ने 2007 में कोयला मंत्रालय में आवेदन करते समय कंपनी का टर्न ओवर 37 करोड़ रूपये के बजाय 238 करोड़ रूपये घोषित किया था, जो कि वंदना ग्रुप ऑफ कम्पनीज का टर्न ओवर था, ताकि नया कोयला ब्लॉक का आवंटन हो सके।

फर्जी दस्तावेज किए थे जमा...

चूँकि आबंटन नियमों के अनुसार कंपनी का टर्नओवर 270 करोड़ का होना चाहिए था। कोयला मंत्रालय के अधिकारियों की मिलीभगत से कोल ब्लॉक हासिल किया।

मेसर्स वंदना विद्युत् लिमिटेड ने कोल ब्लाक हासिल करने के उद्देश्य से कोयला मंत्रालय और छत्तीसगढ़ शासन में फर्जी दस्तावेज जमा किए जिसे बाद में जाँच से बचने नष्ट कर दिया था।

ईडी द्वारा की गई जांच में इस अपराध से अर्जित अवैधानिक राशि को लगभग 603 करोड़ रूपये निर्धारित की, जो कि कम्पनी ने भारी मात्रा में शेयर जारी कर जमा की थी और कम्पनी के कोरबा स्थित पॉवर प्लांट, जमीन और ग्रुप कंपनी के शेयर्स में इन्वेस्ट किए थे। ईडी के अधिकारियों के मुताबिक मामले में अभी भी जांच जारी है।