Loading...
अभी-अभी:

बीजापुरः स्वास्थ्यकर्मी जान जोखिम में डालकर इलाज करने मजबूर, सरकारी दावे महज दस्तावेजों तक सिमटे

image

Oct 19, 2019

पवन दुर्गम - बस्तर में स्वास्थ्य सुविधाएं नाकाफी साबित हो रही हैं। बीजापुर जिले में स्वास्थ्यकर्मी जान जोखिम में डालकर इलाज करने मजबूर हैं। वहीं सरकारी दावे भी आदिवासियों के इलाज के महज दस्तावेजों तक सिमट कर रह गए हैं। बीजापुर जिले के बासागुड़ा इलाके में इन दिनों नदी नाले जानलेवा साबित हो रहे हैं। नदी नालों के कारण अंदरूनी इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में स्वास्थ्य महकमे के पसीने छूट रहे हैं। वहीं बासागुड़ा में पदस्थ एएनएम अनसूर्या रॉव और उनके साथी उमेश ककेम इन जानलेवा नदी नालों को पार करके गांव पहुंचकर इलाज मुहैया करा रहे हैं।

जान जोखिम में डालकर स्वास्थ्यकर्मी दूर नक्सली इलाकों में अपनी सेवाएं दे रहे

दरअसल बासागुड़ा से 25 किलोमीटर दूर कोंडापल्ली उप स्वास्थ्य केंद्र के टेकुलगुड़ा में बीमार ग्रामीणों के इलाज के लिए दो स्वास्थ्य कर्मियों को जाना था लेकिन नदी की तेज धार रुकावट बन गई थी। ऐसे में टेकुलगुडा 5 ग्रामीणों ने इन्हें तेजधार में चैन बनाकर नदी पार कराया। नदी पार करते वक्त ग्रामीणों ने स्वास्थ्य कर्मियों का सामान और मेडिकल किट को अपने सिर पर रखकर सुरक्षित नदी को पार किया। अब ग्रामीणों का इलाज कराकर दोनों स्वास्थ्यकर्मी सही सलामत लौट आये हैं। मूलभूत जरूरतों से महरूम अंदरूनी इलाकों में जान जोखिम में डालकर पहुंचना बड़ी चुनौती भरा कार्य है। जानलेवा नदी पार करके ये स्वास्थ्यकर्मी दूर नक्सली इलाकों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कोई बड़ी दुर्घटना से बचने के लिए सरकार और प्रशासन को ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए मास्टर प्लान बनाना होगा ताकि अनसूर्या और रमेश के जैसे जब्जे को और लोगों में जगाया जाए।