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कांकेर जिले के स्कूल चल रहे मात्र एक शिक्षक के भरोसे, जिला प्रशासन बेखबर

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Mar 29, 2018

कांकेर जिले के कई स्कूल मात्र एक शिक्षक के ही भरोसे चल रहे है, शिक्षक की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। जाहिर है, ऐसे में एक सत्र के दौरान पूरे पाठ्यक्रम की पढ़ाई भी मुश्किल में नजर आ रही है। बता दें कि अंतागढ़ विकासखंड कोटकोड़ो गांव के प्राथमिक शाला में पढ़ने वाले करीब 28 बच्चों को शिक्षा देने का जिम्मा मात्र एक शिक्षक मेघनाथ नेताम ने उठा रखा है। हालांकि सरकार ने यहाँ दो शिक्षकों को तैनात किया था, उसके बाद भी एक शिक्षक हातिम बोहरा साल में सिर्फ दो बार स्कूल में दर्शन देने आते है। 

बच्चों ने बताया कि कांकेर में रहने वाले गुरुजी हातिम बोहरा खास मौके पर ही दिखाई पड़ते है। गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने के लिए ही वह स्कूल आते है। उसके बाद  कई दिनों या फिर महीनों तक गुरुजी गायब रहते है। वहीं, दूसरे शिक्षक मेघनाथ नेताम भी बच्चों को मोबाइल पर वीडियों दिखाकर कुछ ही देर में निकल लेते है। पूछताछ करने पर बच्चों ने बताया कि दोपहर ही गुरुजी बच्चों की छुट्टी कर देते है और खुद भी अपने घर चले जाते है। 

ग्रामीण जुगरूराम कोर्राम की माने तो स्कूल में कई वर्षों से शिक्षक के पद खाली पड़े है। गांववालों ने जिला प्रशासन से कई बार शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की मांग की, लेकिन उनकी आवाज अब तक अनसुनी है। कोटकोड़ो गांव में प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को पीने का साफ पानी भी नसीब नहीं हो रहा है, स्कूल के सामने भले ही दो हैंडपंप लगाए गए हो, लेकिन दोनों हैंडपंप बंद पड़े है। बच्चों को झरिया का पानी पीकर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है। स्कूल के पीछे एक शौचालय का निर्माण किया गया है। उसे देखकर पता चलता है कि कई महीनों से शौचालय का इस्तेमाल नहीं किया गया है। क्योंकि शौचालय में पानी ही नहीं है और शीट में कचरा और मिट्टी भरी हुई है।