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म.प्र. में ईको पर्यटन विकास, टूरिज्म बोर्ड विकसित करेगा 61 पर्यटन क्षेत्र

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Mar 29, 2018

ईको पर्यटन विकास बोर्ड अगले वर्ष 27 करोड़ 45 लाख रुपये की लागत से प्रदेश में 61 मनोरंजन एवं वन्य प्राणी अनुभव क्षेत्र का विकास करेगा। इसके अलावा डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से पन्ना, पेंच, कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा, और संजय टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में ईको पर्यटन विकास होगा। इनमें एक करोड़ 70 लाख के कार्य जारी हैं। इससे पर्यटन प्रेमियों को नये सुविधा सम्पन्न मनोरंजन क्षेत्र मिलेंगे। यह जानकारी आज वन, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार की अध्यक्षता में हुई ईको पर्यटन विकास बोर्ड की साधारण सभा की बैठक में दी गई।

बफर क्षेत्र में आठ महिनों में पहुँचे 65 हजार से अधिक पर्यटक 
ईको पर्यटन विकास बोर्ड द्वारा 22 मई 2017 से ऑनलाइन बुकिंग पोर्टल शुरू किया गया है। इससे जुलाई 2017 से फरवरी 2018 तक 65 हजार 347 पर्यटकों ने टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में बुकिंग कराकर ईको पर्यटन का आनंद लिया। जुलाई से जून तक होने वाले पर्यटन वर्ष में यह संख्या एक लाख तक पहुँचने की उम्मीद है। पार्को को इससे एक करोड़ रुपये से अधिक की राजस्व की प्राप्ति हो चुकी हैं। पर्यटकों में 59 हजार 255 देशी और 6092 विदेशी पर्यटक शामिल हैं। पिछले वर्ष 72 हजार पर्यटकों ने भ्रमण किया था। ये बफर क्षेत्र हैं सतपुड़ा में सेहरा एवं पाटई, बाधवगढ़ में पनपथा, धमोखर एवं मानपुर, पेंच में रूखड़ अरी खवासा, कुंभपानी, कान्हा में सिझौरा, खापा, एवं खटिया, पन्ना में रनेहफॉल, हरसा, हिनौता और संजय टाइगर रिजर्व में डुबरी।

पर्यटको को सुविधाएं देने के लिए वनकर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण
बैठक में बताया गया की पर्यटकों को बेहतर सुविधायें देने के लिए वन कर्मियों को अतिथि सत्कार, पर्यटन प्रबंधन, नाविक प्रशिक्षण, साहसिक गतिविधियों आदि का प्रशिक्षण दिया गया। अतिथि सत्कार और साहसिक गतिविधियों के माध्यम से बोर्ड स्थानीय ग्रामीण युवाओं को भी रोजगार दिलवा रहा है। वन मंत्री ने गोपालपुर तितलीपार्क, कठौतिया, समर्धा, पनारपानी,(सतपुडा टाइगर रिजर्व) बोरिया माल, कुकरू, नौलखी, गुंजारी टापू, पथरिया हाट अमोदा गढ़ सिया चौकी, परसापानी आदि पर्यटन क्षेत्र की गतिविधियों की भी समीक्षा की।

बैठक में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा नगरीय प्रशासन, खेल एवं युवक कल्याण पुरातत्व पंचायत एवं ग्रामीण विकास शिक्षा आदि विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे। अपर मुख्य सचिव वन, दीपक खाण्डेकर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. अनिमेष शुक्ला, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) जितेन्द्र अग्रवाल, वन विकास निगम के प्रबंध संचालक रवि श्रीवास्तव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी पुष्कर सिंह भी मौजूद थे।