Loading...
अभी-अभी:

मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में किसानों के साथ अत्याचार, परंपरागत रास्ते पर कंपनी का डाका

image

Jan 29, 2019

दिनेश धारपुरे - सौसर तहसील के औधौगिक क्षेत्र में संचालित जिंदल पाइप कम्पनी को akvn द्वारा बरसो से किसानों के खेत मे जानेवाली सरकारी पगडंडी रास्ता दिया गया है जिससे लगभग 3 गावो और 50 से अधिक किसानों का आवागमन प्रभावित हुआ है जिससे किसानों में भारी आक्रोश है, साथ ही कम्पनी ने इस पगडंडी रास्ते पर बाउंड्री वाल निर्माण कर इसे पूरी तरह से बन्द कर दिया है। किसानों का आरोप है कि ओधोगिक क्षेत्र के कम्पनियों के साथ अधिकारियों की साठगांठ के चलते बरसो से आने-जाने के लिए किसानों के उपयोग में लाये जाने वाले पगडंडी रास्ते हो रातोरात कम्पनी संचालक ने बन्द कर किसानों को दहलीज पर भूखे मरने कर लिए खड़ा कर दिया है।

50 से आधिक किसान हुए बरबाद

किसानों का कहना है कि लगभग 50 से आधिक किसानों के खेती किसानी इस रास्ते पर निर्भर थी और 3 गाँव के आनेजाने के लिए इस पगडंडी रास्ते का उपयोग किया जाता था। कम्पनी द्वारा आवागमन का रास्ता बन्द करने से किसान अपने खेतो में आवागमन कर पा रहे और न ही किसानी कर पा रहे  है एक किसान को इस घटना का इस कदर सदमा पहुँचा की उसे पैरालिसिस अटैक आ गया वही कम्पनी के इस कदम से शासन को आत्महत्या तक कि धमकी किसानों ने दे दी।

पुश्तेनी इस पगडंडी का सरकारी रिकॉर्डो में उल्लेख

किसानों का यह भी कहना है कि कई सालों से पुश्तेनी इस पगडंडी का सरकारी रिकॉर्डो में भी उल्लेख है, साथ ही किसानों का आरोप भी है कि जिंदल कम्पनी ने औधोगिक उपयोग के लिए जमीन ली जहा कम्पनी फसल का उत्पादन कर खेती कर रही है जो नियमविरुद्ध है। वहीं किसानों ने अपने साथ हुए अन्याय अत्याचार का दुःखडॉ शासन के नुमाइंदों के सामने भी रोया किंतु अधिकारीयो ने किसानों को मात्र आस्वासन दिया है।

किसानों का दुखड़ा सुनने के लिए अधिकारी तैयार नहीं

वही ओधोगिक क्षेत्र के अधिकारी ने बताया कि इस रास्ते का रिकॉर्ड में संसोधन कई साल पहले ही हो चुका है, और रास्ते की जगह ओधोगिक क्षेत्र के है। ऐसे में मुख्यमंत्री कमलनाथ के क्षेत्र में किसानों का दुखड़ा अधिकारी सुनने को तैयार नही ऐसे में यदि कोई किसान कोई अप्रिय घटना का शिकार होता है तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा।