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अव्यस्थाओं का शिकार जिला अस्पताल, जहाँ होता है टार्च की रोशनी में इलाज

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Mar 2, 2020

अशोकनगरः जिला अस्पताल सरकार के दावों की पोल खोलता नजर आ रहा है। भारी भरकम स्वास्थ्य विभाग का बजट होने के बाद भी इस अस्पताल में कुछ हजार रुपये का इनवर्टर तक  नहीं है और जनरेटर तो है पर उसे चलाया नहीं जाता। अशोकनगर ट्रामा सेंटर में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहाँ प्रसूति वार्ड व अन्य वार्डो में लाइट जाने पर अन्य कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। नर्स व स्टाफ को मोबाइल की रोशनी में सारे काम करना पड़ता है। जिससे कभी भी अंधेरे में कोई गलती किसी मरीज की जान तक ले सकती है। वहीं सबसे ज्यादा परेशानी नवजात बच्चों व महिलाओं को होती है।

कलेक्टर ने कहा क्षमा योग्य नहीं लापरवाही, की जायेगी कड़ी कार्यवाही

सिविल सर्जन हिमांशू शर्मा का कहना है कि अस्पताल में जनरेटर तो है पर उसे चलाने वाला कहीं चला गया था जिससे ये परेशानी हुई। हमने उसको लाइट जाने पर बुलाया था, जब तक वो आया लाइट भी आ गयी थी। वहीं कलेक्टर मंजू शर्मा भी पूरे मामले के बाद अस्पताल पहुँच गयी। मीडिया से बात करते हुए कलेक्टर ने कहा उन्हें काफी अवस्था देखने को मिली। सिविल सर्जन का कहना है कि जनरेटर ऑफ़रेटर कहीं चला गया था, व शववाहन की बैटरी चोरी चली गई। कलेक्टर ने कहा कि सिविल सर्जन की बाते बहाने जैसी लगती हैं, जो क्षमा योग्य नहीं है, इस पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। अपने परिजन का इलाज कराने आयी शबनम बानो का कहना है कि हम अंधेरे में सिस्टर को ढूढ़ रहे हैं।