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भारतीय संस्कृति में काला रंग अशुभ क्यों, मंगलसूत्र में शुभ कैसे? सुहाग की रक्षा का रहस्यमयी कवच

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Nov 23, 2025

भारतीय संस्कृति में काला रंग अशुभ क्यों, मंगलसूत्र में शुभ कैसे? सुहाग की रक्षा का रहस्यमयी कवच

हिंदू विवाह की सबसे पवित्र निशानी मंगलसूत्र में काले मोतियों का होना सदियों से चली आ रही परंपरा है। जहाँ सामान्य जीवन में काला रंग अशुभ माना जाता है, वहीं यही काला रंग सुहागन की सबसे बड़ी सुरक्षा कवच बन जाता है। ज्योतिष, वेद और लोक मान्यताओं के अनुसार ये काले मोती बुरी नजर, ग्रह बाधा और नकारात्मक ऊर्जा से पति-पत्नी दोनों की रक्षा करते हैं। आइए जानें इसका गहरा वैज्ञानिक और आध्यात्मिक रहस्य।

बुरी नजर सोखने की प्राचीन विधि

काला रंग सबसे पहले नजर खींचता है। ठीक वैसे ही जैसे बच्चों के माथे पर काजल का टीका लगाया जाता है, मंगलसूत्र के काले मोती भी दांपत्य जीवन पर पड़ने वाली बुरी दृष्टि को अपने ऊपर ले लेते हैं। यह एक प्राकृतिक नजर ढाल की तरह काम करता है जो सुहाग को हर तरह की नकारात्मकता से बचाता है।

शनि का प्रतीक, पति की रक्षा का वचन

वेदांत और ज्योतिष शास्त्र में काले मोती शनि ग्रह के प्रतीक हैं। मान्यता है कि सुहागन जब मंगलसूत्र धारण करती है तो शनि की सभी बाधाएँ मोतियों में समा जाती हैं। इससे पति के जीवन पर आने वाला कोई भी संकट टल जाता है और दांपत्य सुख बना रहता है।

राहु-केतु को शांत करने का उपाय

राहु-केतु विवाह में कलह और रुकावटें पैदा करते हैं। मंगलसूत्र का काला रंग इन छाया ग्रहों को शांत करता है। फलस्वरूप वैवाहिक जीवन में स्थिरता आती है, अनावश्यक तनाव कम होता है और रिश्ते में गहराई बढ़ती है।

सूर्य-शनि का दुर्लभ संतुलन

मंगलसूत्र में सोना सूर्य का जबकि काले मोती शनि का प्रतीक हैं। ज्योतिष में सूर्य-शनि शत्रु हैं, पर जब दोनों एक साथ आते हैं तो अद्भुत संतुलन बनता है। यही संतुलन पति-पत्नी के बीच प्रेम, समझदारी और शांति लाता है।

ऋग्वेद का दिव्य सूत्र

ऋग्वेद में स्पष्ट उल्लेख है - “कृष्णमणि सुवर्णेन संयुक्तं सुहागकृत्” अर्थात काले मोती जब सोने के साथ जुड़ते हैं तो सुहाग की रक्षा करते हैं। यही कारण है कि मंगलसूत्र को कभी किसी को देना या उतारना वर्जित माना गया है। यह शिव-शक्ति के मिलन का भी प्रतीक है जो पति-पत्नी के अटूट बंधन को दर्शाता है।

Report By:
Monika