Mar 3, 2018
रतलाम। नियम कायदे कानून किसी भी व्यक्ति की बीमारी या मौत से बड़े नहीं होते रतलाम के जिला चिकित्सालय में एक बार पुनः एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें कायदे कानून का हवाला देकर एक गर्भवती महिला को सिर्फ इसलिए सोनोग्राफी से इंकार कर दिया गया कि उसके पास उसका पहचान परिचय पत्र आधार कार्ड या अन्य कार्ड नहीं था।
रिक्शा में तत्काल गई आधार बनवाने...
लापरवाही का आलम यह रहा कि वह महिला अपने परिजन के साथ प्रसव पीड़ा को सहते हुए एक ऑटो रिक्शा में बैठकर पूरे शहर में तत्काल आधार कार्ड बनवाने के लिए दर-दर भटकती रही और उसे निराशा हाथ लगी।
4 दिन पूर्व हुई थी मासूम की मौत...
उल्लेखनीय है कि एक ऐसा ही मामला पिछले 4 दिन पूर्व सामने आया था जब एक 4 वर्षीय बालक की मौत सिर्फ इसलिए हो गई थी कि उसे बाल चिकित्सालय लाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली थी। गर्भवती महिला के मामले में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां कायदा कानून का हवाला देकर महिला को बिना सोनोग्राफी के रवाना कर दिया। उल्लेखनीय है कि नगर में कई सोनोग्राफी सेंटर संचालित हो रहे हैं, और इनकी जांच सिर्फ कागजों पर होती है।
जानकारी के अभाव में हो रहीं दिक्कतें...
बताया जा रहा है, कि ग्राम बीलड़ी निवासी गर्भवती महिला आज रतलाम जिला चिकित्सालय आई थी जिसका नाम काली है उसके साथ परिजन भी थे, उन्होंने बताया कि उन्हें नहीं मालूम था कि सोनोग्राफी करानी पड़ेगी और उसके लिए पहचान पत्र देना होगा।
जानकारी के अभाव में वह दर दर भटकते रहे परंतु कोई भी सहायता करने आगे नहीं आया, बताया जा रहा है 1 साल से उनके आधार कार्ड का एनरोलमेंट नंबर आज तक नहीं दिया है, जिसके चलते उनका कार्ड नहीं मिला यह भी मामला सामने आया कि नौ माह तक महिला को आंगनवाडी से आवश्यक दवाइयां और टीकाकरण की सुविधा भी नहीं मिली और वहीं साक्षरता के अभाव में मनोज और उसकी बहु काली तथा सास को दर दर भटकना पड़ा।
सीएमएचओ ने दिए निर्देश...
हालांकि इस मामले में किसी भी जिम्मेदार अधिकारी का अपना पक्ष सामने नहीं आया परंतु मीडिया की पहल पर सीएमएचओ प्रभाकर ननावरे ने तत्काल महिला का आवेदन स्वीकार करते हुए उसकी सोनोग्राफी के निर्देश जारी किए। उन्होंने ऑफ द रिकॉर्ड यह भी कहा कि किसी भी गर्भवती महिला को इस प्रकार सोनोग्राफी के लिए दर दर भटकाया नहीं जा सकता इस मामले में वह बहुत सख्त हैं, और उन्होंने कार्यवाही की बात भी की है।